
आरा (भोजपुर)।
कड़ी मेहनत और समर्पण के बदौलत अपने क्षेत्रों में ऊंचाइयां हासिल करनेवाले पद्म पुरस्कारों की वर्ष 2025 की सूची ने बिहार की प्रतिष्ठा को और ऊंचा किया है। देश भर से कुल 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। केंद्र सरकार द्वारा जारी सूची में बिहार के आचार्य किशोर कुणाल एवं सुशील कुमार मोदी सहित 7 लोगों का नाम शामिल है। जिसमें भोजपुर जिला के भीम सिंह भावेश का भी नाम भी शामिल है। श्री भावेश अपने सामाजिक कार्यों से पूरे देश में भोजपुर जिला सहित बिहार का मान बढ़ा दिए है। आरा के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार सह समाजसेवी डॉ.भीम सिंह भावेश को पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। वे आरा में दैनिक अखबार ब्यूरो चीफ अलावे नई आशा संस्था के माध्यम से अत्यंत वंचित समुदाय मुसहर जाति के बच्चों के शिक्षा पर फोकस करने के साथ ही इस जाति के लोगो के लिए बहुत काम करते रहे हैं। भीम सिंह भावेश को पद्मश्री पुरस्कार दिया जायेगा। उन्हें पहले ही 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में गणमान्य व्यक्ति के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जा चुका था। भीम सिंह के नाम का जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान कर चुके हैं। पीएम ने 110 वें एपिसोड में भीम सिंह भावेश की विशेष चर्चा करते हुए कहा बिहार के भोजपुर में भीम सिंह भावेश जी ने अपने क्षेत्र के मुसहर जाति के शिक्षा से वंचित आठ हजार बच्चों का दाखिला स्कूलों में करा चुके हैं।उन्हें गणतंत्र दिवस के परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रण आया था। जिसमें शामिल होने के लिए हवाई यात्रा के माध्यम से दिल्ली पहुंच चुके हैं। आज फोन के माध्यम से कई लोगो के द्वारा जानकारी मिली कि पद्मश्री पुरस्कार के लिए मेरे नाम की घोषणा हुई है। उसके बाद शाम में मुझे गृह मंत्रालय के द्वारा जानकारी दी गई कि पदम् श्री पुरस्कार के लिए आपके नाम की घोषणा हुई है। ये अत्यंत हर्ष के विषय है। उन्होंने कहा कि मेरे तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष आभार व धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा कि जब इस सम्मान के बारे में जानकारी हुई तो हमें विश्वास नहीं हुआ कि पद्मश्री भी मुझे दिया जा सकता है। उन्होंने ने बताया कि करीब दो दशक से दलित समाज के मुसहर जाति के उत्थान के लिए काम कर रहा हूं।वे आरा (भोजपुर)के रहने वाले भीम सिंह पर समाज की दुर्दशा देखी तो अपना जीव ज्यादाउन्होंने अपनी दो किताबों नेमप्लेट और कोलकाता से कोलकाता के जरिये मुसहर समाज की दुर्दशा को समाज के सामने रखा है।
ब्यूरो रिपोर्ट:अनिल कुमार त्रिपाठी