बिहटा।
अयोध्या में भगवान श्री रामलला के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है। यह आयोजन रामभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। हालांकि, इस तिथि को लेकर थोड़ी असमंजस की स्थिति भी उत्पन्न हुई।

पिछले वर्ष 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ था, जिसे विश्वभर के भक्तों ने देखा और सराहा। लेकिन पंचांग के अनुसार 11 जनवरी 2025 को सभी जगहों पर मनाई गई थी. चुकी हिंदू पंचांग के अनुसार यह परिवर्तन त्योहारों की तिथियों में बदलाव के कारण हुआ है. पिछले वर्ष 22 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी के दिन प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।

बिहटा में भव्य दीपोत्सव की तैयारियां:
बिहटा के प्रसिद्ध श्री राम जानकी मंदिर, पोखरा पर इस अवसर पर अगामी 22 जनवरी को भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, और अन्य धार्मिक गतिविधियों का आयोजन होगा। समाजसेवी कुश कुमार ने जानकारी दी कि इस वर्षगांठ पर श्रद्धालुओं द्वारा 25,000 दीप जलाए जाएंगे, जो पूरे मंदिर प्रांगण को दिव्य आलोक से भर देगा।

समाज में विशेष उत्साह:
कुश कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समाज में एकता और संस्कारों को मजबूत करने का भी प्रतीक है। दीपोत्सव के आयोजन को लेकर पूरे क्षेत्र में खास तैयारियां हो रही हैं। मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है।

धार्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला:
कार्यक्रम में हजारों सनातन धर्मावलंबी शामिल होंगे, जो पूरे आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने में सहयोग देंगे। भजन-कीर्तन, रामायण पाठ, और आरती जैसे धार्मिक कार्यक्रमों के साथ यह आयोजन भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा।

भक्ति और उत्सव का संगम:
बिहटा में दीपोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह उत्सव श्रद्धा, भक्ति, और भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान का प्रतीक बनेगा। 22 जनवरी को आयोजित यह कार्यक्रम श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा, जो न केवल अयोध्या बल्कि पूरे भारत में रामभक्तों के लिए एक प्रेरणा बनेगा।

ब्यूरो रिपोर्ट