
पटना।
पटना शहर में अतिक्रमण के खिलाफ विशेष अभियान की पुनः शुरुआत की गई है। यह अभियान प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े के निर्देशों पर जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह और वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार द्वारा संचालित किया जाएगा। अभियान के तहत सात टीमों का गठन किया गया है, जो विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मियों के सहयोग से कार्य करेंगी।
आयुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अतिक्रमण उन्मूलन के इस अभियान को प्रभावी ढंग से चलाएं और किसी भी प्रकार की व्यवधान पैदा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। अभियान का मुख्य उद्देश्य पटना शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण को हटाना और सुगम यातायात को सुनिश्चित करना है।
विशेष रूप से आयुक्त ने यह सुनिश्चित किया है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान कोई अवैध व्यावसायिक गतिविधि न हो और सभी मुख्य मार्गों को अतिक्रमण-मुक्त रखा जाए। उन्होंने बताया कि यह अभियान 1 फरवरी तक चलेगा और इसकी प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी। इसके अतिरिक्त, जनहित में अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ खाली की गई जगहों पर वृक्षारोपण कार्य करने की भी योजना है।
आयुक्त ने विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया है और सड़कों के साथ-साथ फुटपाथ और सर्विस रोड को भी अतिक्रमण-मुक्त रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके अलावा, परिवहन सुगमता सुनिश्चित करने के लिए यातायात पुलिस भी विशेष वाहन चेकिंग अभियान चलाएगी।
इस विशेष अभियान का उद्देश्य पटना शहर में अतिक्रमण की समस्या से निपटना और नागरिकों के लिए एक सुरक्षित एवं सुगम परिवहन सुविधा प्रदान करना है।
मुख्य निर्देश और कार्ययोजना:
1. अतिक्रमण-उन्मूलन विशेष अभियान:
अतिक्रमण हटाने के लिए नियमित विशेष अभियान चलाने के निर्देश। माइकिंग और वीडियोग्राफी के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित करने का आदेश। आदतन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई।
2. सीसीटीवी-आधारित निगरानी:
पटना स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 3,300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे सक्रिय। रेड लाइट वॉयलेशन, स्पीड डिटेक्शन, और स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली को बेहतर बनाने का निर्देश। प्रमुख स्थानों पर इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) को प्रभावी रूप से लागू करने की अपील।
3. यातायात प्रबंधन:
ट्रैफिक जाम के लिए जिम्मेदार प्रेशर पॉइंट्स पर नजर रखने और सुधार के लिए बहु-सदस्यीय समिति का गठन। पार्किंग, वेंडिंग जोन और वन-वे मार्गों का निर्धारण। साइन बोर्ड, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और फॉलो-अप टीम की सक्रियता सुनिश्चित करने का निर्देश।
4. समन्वित प्रयास:
नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग और अन्य एजेंसियों के बीच तालमेल। यातायात उल्लंघन, अवैध संरचनाओं, और पब्लिक न्यूसेंस के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति।
5. दीर्घकालिक योजना:
ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं का निर्माण। फुट ओवरब्रिज, एडाप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, और वैरिएबल मैसेज बोर्ड जैसे आधुनिक तकनीकों का उपयोग।
जनहित और सुरक्षा पर जोर:
आयुक्त ने कहा कि यातायात प्रबंधन को तकनीक आधारित बनाकर शहर में जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। उन्होंने नागरिकों के लिए एक सुरक्षित, संवेदनशील और व्यवस्थित परिवेश विकसित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। बैठक में पुलिस, नगर निगम, पथ निर्माण और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। प्रशासन ने नागरिकों से भी यातायात नियमों का पालन करने और अभियान में सहयोग की अपील की।
ब्यूरो रिपोर्ट