
आरा (भोजपुर)।
हरदिल अजीज गायक मो.रफी के जन्म शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में नागरी प्रचारिणी सभागार में प्रेम का सुसाज संस्था के बैनर तले सौ साल पहले….कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें आरा, बक्सर और डाल्टेनगंज, झारखंड के कलाकारों ने मो.रफी और उनके साथ गाए गायक- गायिकाओं के 100 गानों को प्रस्तुत किया। साथ ही मो.रफी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित सवालों के जवाब देने वालों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन गायक धर्मेन्द्र कुमार, शिक्षक रमेश कुमार, गायक मो. रफी, राजकुमार, गायिका सुनीता पांडेय और संगीत प्रेमी इकबाल इल्मी ने दीप जलाकर और मो.रफी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया। तदोपरांत धर्मेन्द्र कुमार और रजनी शाक्या ने सौ साल पहले मुझे तुमसे प्यार था…गीत को गाकर कार्यक्रम का शानदार आगाज किया। तदोपरांत राजाराम शर्मा ने नाचे मन मोरा मग्न…, शरण ने बाबुल की दुआएं लेती जा…, सृष्टि ने मधुबन में राधिका नाचे रे…गीत को प्रस्तुतु क्रिया। वहीं राजकुमार व आरती मौर्या ने छुप गए सारे नजारे ओय य क्या बात….रमेश कुमार व सृष्टि ने झि लमिल सितारों का आंगन होगा…, धर्मेन्द्र कुमार व संजना सिह ने बेखुदी में सनम उठ गए…, शमशाद ‘प्रेम’ व सरगम ने साथियां नहीं जाना कि दिल न लगे…, नवीन कुमार व सुनीता पांडेय ये परदा हटा दो ये मुखड़ा दिखा दो…, रमेश कुमार व मो. नौशाद ने सात अजूबे इस दुनिया मे… गानों को बखूबी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक शमशाद प्रेम ने कहा कि मो रफी संगीत में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।निधन के वर्षों बाद भी आज विश्व में इनके चाहने वालों की एक अच्छी तादाद है। मंच संचालन रेड क्रास की सचिव डा.विभा कुमारी और कार्यक्रम के संयोजक शमशाद ‘प्रेम’ ने किया।
ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी