आरा(भोजपुर)।
जिले के कोइलवर प्रखंड स्थित बहियारा गांव में विश्वविख्यात मिलेट्समैन पद्मश्री डॉ.खादर वली ने आहार में बदलाव कर बिना दवा के किसी भी बीमारी का सफल उपचार करने का मंत्र दिया।स्वस्थ भारत निर्माण की बुनियाद रखने को लेकर मिलेट्स आधारित आहार को अपनाने का  पूरे देश में अभियान छेड़ने वाले भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. आरके सिन्हा के मार्गदर्शन में विश्वविख्यात मिलेट्समैन पद्मश्री डॉ. खादर वली का व्याख्यान हुआ तो व्याख्यान को सुनने के लिए भोजपुर सहित पूरे शाहाबाद जनपद सहित राजधानी पटना और आसपास के जिले के सैकड़ो लोग पहुंचे। डॉ. खादर वली ने व्याख्यान को  सम्बोधित करते हुए कहा कि प्राचीन खान पान पद्धति को अपना कर सभी बिमारियों को दूर भगाया जा सकता है. उन्होंने मोटे अनाज पर आधारित आहार के सेवन से सभी बिमारियों के खात्मा का दावा किया. उन्होंने ज्वार, बाजड़ा, कोदो, कंगनी, रागी, सांवा जैसे मिलेट्स के फायदे बताये और उसके सेवन से अलग अलग कई बिमारियों को बिना दवा के खत्म करने के प्रोटोकॉल बताये।उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से यही भोजन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सही भोजन था लेकिन एक  विदेशी साजिश के तहत भारत में चावल और गेहूं की खेती को बढ़ावा दिया गया और देश को बिमारियों की आग में झोंक दिया गया।साजिश रचने वाली यही विदेशी कम्पनियां टेबलेट और इंजेक्शन बनाकर भारत में बेचने पहुँच गई। पद्मश्री डॉ. खादर वली ने कहा कि हमने वैसे कैसर पीड़ित को ठीक करके नई जिंदगी दी है जिसे डॉक्टर ने यह कहते हुए अस्पताल से घर भेज दिया था कि बस दो चार दिन की ही आपकी जिंदगी बची है। यह सब सिर्फ मोटे अनाज पर आधारित भोजन और वर्तमान आहार में बदलाव करके सम्भव कर दिखाया।पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. आर के सिन्हा ने किसानो को मोटे अनाज की तरफ लौटने का आह्वान करते हुए कहा कि ज्वार, बाजड़ा, कोदो, कंगनी, रागी, सांवा का बीज वे निःशुल्क उपलब्ध भी कराएँगे आद्या मिल्क एंड ऑर्गेनिक प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक प्रशासन एवं वित्त रत्ना सिन्हा ने मोटे अनाज से बने गुलदस्ता भेंट कर सभी  अतिथियों को सम्मानित किया। सांसद श्री सिन्हा के प्रतिनिधि डॉ. सुरेन्द्र सागर ने किया और धन्यवाद ज्ञापन एसीएफएल बैंक के उपाध्यक्ष शुभम विनीत ने किया।कार्यक्रम में नाबार्ड के एजीएम रंजीत कुमार सिन्हा सहित काफी संख्या में लेखक, पत्रकार एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी