आरा (भोजपुर)।

काव्य की गोदी संस्था के बैनर तले हिंदी दिवस एवं राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की जयंती पखवारा पर कविताई आयोजन व साहित्यिक परिचर्चा समाजसेवी, पूर्व निगम पार्षद एवं काव्य की गोदी के उपाध्यक्ष डॉ जितेंद्र शुक्ल के आवास पर हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो नंदजी दूबे,आलोचक जितेंद्र कुमार, प्रो बलिराज ठाकुर, प्रो दिवाकर पांडे, प्रो बलराम सिंह, डॉ मदन मोहन द्विवेदी, सत्यनारायण उपाध्याय, प्रो अमरेश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार सुधीर मिश्र,डॉ ब्रजेश कुमार पाण्डेय, हरेंद्र प्रसाद सिंह, मधुलिका सिन्हा,राकेश ओझा ने दीप प्रज्वलित कर एवं माँ सरस्वती की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया।


कविताई आयोजन में 11 स्थापित कवियों एवं 14 नवोदित कवियों ने काव्य पाठ किया। आयोजन में प्रो नंदजी दूबे ने रामधारी सिंह दिनकर की रचनाओं से जुड़ी यादें साझा की। आलोचक जितेंद्र कुमार ने कहा कि काव्य की गोदी नवोदित कवियों को मंच दे रही ये सराहनीय पहल है। प्रो बलराम सिंह ने कहा कि चरित्र निर्माण में हिंदी साहित्य की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रो दिवाकर पाण्डेय में पिता के प्रेम पर कविता प्रस्तुत की। प्रो अमरेश कुमार ने दिनकर जी की कविता का पाठ किया।सत्यनारायण उपाध्याय, डॉ जनार्दन मिश्र, डॉ मदन मोहन द्विवेदी,संतोष श्रेयांश, राकेश ओझा,आशीष उपाध्याय, कवि प्रेम सागर पांडेय, दुर्गमांगे जी, विकास पांडे, पूर्णानंद मिश्र, जीवन प्रकाश, राहुल कुमार, अभय कुमार ने काव्य पाठ किया।आगत अतिथियों ने हिंदी दिवस पर भाषा की वर्तमान स्थिति और साहित्य जगत में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के अमूल्य योगदान पर चर्चा की।संस्था की अध्यक्षा मधुलिका सिन्हा ने कहा कि कवियों और साहित्यकारों ने हिंदी को वैश्विक बनाया। उपाध्यक्ष डॉ जितेंद्र शुक्ल ने कहा कि हिन्दी ने हमारे व्यक्तित्व को निखारा है और पहचान दी है। सचिव कवि राकेश गुड्डू ओझा ने कहा कि काव्य की गोदी हमेशा सम भाव से नवोदित कवियों को मंच देती है। संरक्षक हरेन्द्र प्रसाद सिंह में सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर आभार प्रकट किया।संचालन पत्रकार रूपेन्द्र मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन कवि प्रेमसागर पांडे ने किया।
           आयोजन में बबन सिंह, अधिवक्ता गुंजय कुमार, सज्जन कुमार, विश्वनाथ सिंह, अजीत कुमार, संजय शाश्वत, संजय राय,अशोक तिवारी, अभय विश्वास भट्ट, आशुतोष पांडेय, सिद्धार्थ वल्लभ, सतेंद्र तिवारी, रामा शंकर शुक्ल, शशिकांत तिवारी, मधेश्वर पांडेय, मनोज ओझा, विमल ओझा, राजू मिश्रा, मनोज मिश्रा समेत कई श्रोता थे।


रिपोर्ट: भोजपुर ब्यूरो अनिल कुमार त्रिपाठी