अंडरपास निर्माण को लेकर चला बुलडोजर, एक दिन की मोहलत!
फुलवारी शरीफ रेलवे स्टेशन रोड पर पश्चिम रेलवे फाटक के पास निर्माणाधीन अंडरपास को लेकर प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। जगदेव पथ–टमटम पड़ाव रोड से रेलवे गुमटी तक सड़क के दोनों ओर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
अभियान के दौरान सड़क किनारे बनी दर्जनों झोपड़ियों को तोड़ा गया, रेलवे गुमटी हटाई गई और कई कच्चे-पक्के मकान व दुकानों को खाली कराया गया। अचानक हुई कार्रवाई से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। कई परिवार बेघर हो गए, जबकि दुकानदारों का सामान सड़क पर बिखर गया। स्थिति को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई, जिससे हालात नियंत्रण में रहे।
स्थानीय लोगों की अपील पर प्रशासन ने फिलहाल कार्रवाई रोकते हुए अतिक्रमण हटाने के लिए एक दिन का समय दिया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर यदि लोग स्वयं अतिक्रमण नहीं हटाते हैं, तो दोबारा सख्त कार्रवाई की जाएगी और तोड़फोड़ का खर्च भी संबंधित लोगों से वसूला जाएगा।
गौरतलब है कि रेलवे अंडरपास का निर्माण कार्य पिछले एक महीने से चल रहा है, लेकिन अब तक लोगों को जाम की समस्या से राहत नहीं मिल सकी है। मुख्य सड़क बंद रहने के कारण एक अस्थायी अंडरपास को डायवर्सन के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जिससे लोगों को करीब तीन किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। इससे स्कूली बच्चों, बुजुर्गों, मरीजों और कामकाजी लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि अंडरपास निर्माण से पहले ही अतिक्रमण हटा दिया जाता, तो आज अचानक इस तरह की कार्रवाई से लोगों को नुकसान नहीं उठाना पड़ता। लंबे समय से चल रहे निर्माण और डायवर्सन के कारण बाजार, रेलवे स्टेशन और अन्य जरूरी स्थानों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।
वहीं प्रशासन और रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण हटने के बाद निर्माण कार्य में तेजी आएगी। तय समय सीमा के भीतर अंडरपास को चालू करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे फुलवारी शरीफ, जगदेव पथ और आसपास के इलाकों को जाम से स्थायी राहत मिलेगी और आवागमन सुगम होगा।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से फिलहाल लोगों को असुविधा जरूर हुई है, लेकिन प्रशासन का दावा है कि अंडरपास पूरा होने के बाद क्षेत्रवासियों को लंबे समय तक इसका लाभ मिलेगा।

अजीत कुमार की रिपोर्ट