पटना। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना में वेटरनरी अधिकारियों के लिए आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “वेटरनरी इंटरवेंशन इन गोट प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ एनहांसमेंट” का शुक्रवार को समापन हुआ। प्रसार शिक्षा निदेशालय के तहत और बिहार सरकार के डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग द्वारा वित्तपोषित इस प्रशिक्षण में 24 जिलों से आए 29 वेटरनरी अफसरों ने भाग लिया। तीन दिनों तक विशेषज्ञों ने बकरी की उत्पादकता, पोषण, टीकाकरण, रोग नियंत्रण और आधुनिक तकनीकों पर व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि मंत्री सुरेन्द्र मेहता ने बकरी को “गरीबों का एटीएम” बताते हुए कहा कि जरूरत के समय यह गरीब परिवारों के लिए सीधी आर्थिक मदद साबित होती है। उन्होंने पशुधन को राज्य की अमूल्य संपत्ति और पशुचिकित्सकों को पशुपालकों का “पॉवर बैंक” बताया। मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक पद्धतियों का प्रसार और आधुनिक तकनीकों का उपयोग पशुपालकों की आय वृद्धि और पशुओं की बेहतर उत्पादकता के लिए अत्यंत आवश्यक है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने की। उन्होंने कहा कि पशुओं की उत्पादकता सीधे किसानों की आय से जुड़ी होती है, इसलिए आधुनिक तकनीकों और स्वास्थ्य प्रबंधन को प्राथमिकता देना जरूरी है। कुलपति ने किसानों से “जहाँ हैं, जैसे हैं” वहीं से सीखकर रोगों की रोकथाम पर जोर देने की अपील की। इस अवसर पर विभिन्न डीन, निदेशक और वैज्ञानिकों की उपस्थिति रही तथा निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. निर्मल सिंह दहिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

समापन के बाद मंत्री सुरेन्द्र मेहता ने विश्वविद्यालय परिसर में निर्माणाधीन एवं नवविकसित भवनों का निरीक्षण किया। उन्होंने नए छात्रावास और डेयरी इंजीनियरिंग भवन का जायज़ा लेते हुए कक्षाओं, प्रयोगशालाओं और आधुनिक सुविधाओं की प्रगति की जानकारी ली। मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आधुनिक अवसंरचना जरूरी है और नए भवन विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय शोध एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराएंगे। निरीक्षण के दौरान कुलपति डॉ. इन्द्रजीत सिंह सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी और इंजीनियरिंग टीम उपस्थित रही।

अजीत कुमार यादव की रिपोर्ट