पटना।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह के मार्गदर्शन में बिहार वेटरिनरी कॉलेज, पटना स्थित स्कूल ऑफ़ पैरावेटरिनरी साइंसेज़ की ओर से कृत्रिम गर्भाधान (सीसी–एआई) प्रमाणपत्र प्रशिक्षण की नई बैच का औपचारिक शुभारंभ किया गया।
कुलपति डॉ. सिंह ने नवप्रवेशी प्रशिक्षुओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि प्रशिक्षण अवधि में व्यवहारिक कौशल और तकनीकी दक्षता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

तीन माह के इस कोर्स में प्रदेश के 17 जिलों से आए 27 प्रतिभागियों ने दाखिला लिया है।
इस प्रशिक्षण का प्रमुख उद्देश्य राज्य के पशुपालकों को बेहतर नस्ल संवर्धन व प्रजनन सेवाएँ प्रदान करने हेतु दक्ष एआई तकनीशियन तैयार करना है।

पाठ्यक्रम के पहले चरण में एक माह का सैद्धांतिक व प्रायोगिक प्रशिक्षण बिहार वेटरिनरी कॉलेज परिसर में दिया जाएगा।
इसके पश्चात दो माह की फील्ड ट्रेनिंग बिहार सरकार के प्रखंड-स्तरीय पशु चिकित्सालयों में पूरी की जाएगी।

शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता डीन डॉ. जे. के. प्रसाद ने की।
कार्यक्रम में प्रो. अजीत कुमार, पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. डी. सेन गुप्ता, स्कूल प्रमुख डॉ. रमेश तिवारी, तथा पोल्ट्री रिसर्च सेंटर के प्रमुख डॉ. कौशलेंद्र कुमार मौजूद रहे।

यह पहल राज्य में पशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों की आय बढ़ाने और प्रजनन क्षमता सुधारने में अहम योगदान देगी।

अजीत यादव की रिपोर्ट