बिहटा/पटना।
पटना के बिहटा स्थित एनआईटी कैंपस में मंगलवार को कुछ देर के लिए माहौल वैसा हो गया जैसा अक्सर बड़ी हस्तियों के आने पर होता है—लेकिन इस बार मंच पर पहुँची शख्सियत ने छात्रों से औपचारिक भाषण के बजाय सीधे संवाद की राह चुनी। सी. वी. रमन हॉल में आयोजित सत्र में डॉ. चेरिन किम ने छात्रों के बीच बैठकर उनसे करियर, तनाव और प्रतिस्पर्धा जैसे मुद्दों पर बात की। शुरुआत से ही साफ दिख रहा था कि यह कार्यक्रम सिर्फ ‘प्रेरक भाषण’ वाला नहीं, बल्कि अनुभव बाँटने वाला सत्र बनने जा रहा है।

डॉ. किम ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि केवल डिग्री ही नहीं, बल्कि निर्णय लेने की क्षमता और दृढ़ता भी करियर में उतनी ही मायने रखती है। उन्होंने कहा कि छात्र अक्सर अपनी क्षमताओं को आंकने से पहले दुनिया की राय से ही प्रभावित हो जाते हैं—और यही आदत बदलने की जरूरत है। इंटरव्यू के दौरान संक्षिप्त और स्पष्ट जवाब देना, साथियों से सीखना और नकारात्मक प्रभावों से दूरी बनाना—ये कुछ सलाहें थीं जिन पर उन्होंने विशेष जोर दिया। उनके शब्दों को लेकर छात्रों में उत्सुकता भी दिखी और कई ने नोट्स भी लिए।

कार्यक्रम का सबसे जीवंत हिस्सा वह इंटरैक्टिव सत्र रहा जिसमें छात्रों ने करियर बदलाव से लेकर लक्ष्य तय करने तक, तरह-तरह के सवाल पूछे। मंच के सामने लगी भीड़ से साफ था कि छात्र इस खुली बातचीत को गंभीरता से ले रहे थे। आयोजन में डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. प्रभात कुमार, एसोसिएट डीन डॉ. विमलेश वर्मा और डॉ. ओम जी शुक्ला समेत विभिन्न क्लबों के पीआई और संकाय सदस्य भी मौजूद रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट