
धमदाहा/पूर्णिया।
धमदाहा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव खत्म होते ही सियासी तापमान तेज़ हो गया है। एक्ज़िट पोल के नतीजों ने माहौल को और भी रोमांचक बना दिया है — कुछ सर्वे एजेंसियाँ एनडीए को भारी बढ़त दे रही हैं, तो कुछ महागठबंधन को सत्ता की दहलीज़ तक पहुंचा रही हैं। एनडीए समर्थक आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, उनका तर्क है कि विकास ही असली मुद्दा है — महिलाओं के खाते में 10,000 रुपये की सहायता, 1100 रुपये की वृद्धा पेंशन, हर घर बिजली और सुशासन की गारंटी ने जनता का मन जीत लिया है। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियाँ और प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा इस बार भी एनडीए की नैया पार लगाएगा।

वहीं दूसरी तरफ़ राजद और महागठबंधन समर्थक पूरी उम्मीद के साथ कहते नज़र आ रहे हैं कि इस बार बदलाव तय है। उनका कहना है कि बिहार आज भी बेरोजगारी, मजदूर पलायन, शिक्षा और स्वास्थ्य की अव्यवस्था जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, और तेजस्वी यादव ने जो वादा किया है — “हर घर से एक नौकरी” — वही युवाओं की सबसे बड़ी उम्मीद है। उनका दावा है कि जनता अब नारों से आगे बढ़कर रोज़गार और सम्मानजनक जीवन चाहती है। गिनती भले ही 14 तारीख को हो, पर उससे पहले ही धमदाहा के गलियारों में यह चुनाव विकास बनाम परिवर्तन की सबसे दिलचस्प जंग बन चुका है।
ब्यूरो रिपोर्ट संतोष कुमार
