
फुलवारी शरीफ।
फुलवारी (188-अ.जा.) विधानसभा सीट से महागठबंधन के समर्थन में भाकपा (माले) के सिटिंग विधायक गोपाल रविदास ने बुधवार को एक बार फिर चुनावी मैदान में ताल ठोक दी। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने एस.के. मैरेज पार्क में विशाल जनसभा को संबोधित कर आगामी चुनाव के लिए अपने विजन और वादों की झलक दिखाई।
नामांकन के दौरान उनके साथ प्रस्तावक विजय केवट और गुरुदेव दास मौजूद रहे, जबकि जनसभा में भारी संख्या में समर्थक उमड़े। रैली को संबोधित करते हुए रविदास ने कहा, “इस बार जीत का अंतर पहले से दुगुना होगा, जनता को हमारे काम पर भरोसा है। हमने विकास का रिपोर्ट कार्ड जनता को सौंप दिया है।”

विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “सुशासन बाबू आज खुद इलाज के मोहताज हैं और बीजेपी घोटालों के। नौजवान आज नौकरी चाहता है, ना कि जुमलों की दुकान — और यह भरोसा केवल तेजस्वी सरकार ही दे सकती है।”
महागठबंधन का लोकलुभावन वादा:
सभा में महागठबंधन की प्रमुख योजनाओं की घोषणा की गई, जिनमें शामिल हैं:
मां-बहन सम्मान योजना: महिलाओं को ₹2500 प्रतिमाह
सस्ती रसोई योजना: गैस सिलेंडर ₹500 में
हर घर रोजगार योजना: हर परिवार को सरकारी नौकरी

सभा में भाकपा (माले) और राजद के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल रहे, जैसे विजय केवट, गुरुदेव दास, जय प्रकाश पासवान, कौसर खान, इंजीनियर आफताब आलम, कैश अनवर, हरिनारायण यादव समेत कई चेहरे। सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कर महागठबंधन के प्रति समर्थन जताया।
‘सादा जीवन, संघर्षपूर्ण राजनीति’ – गोपाल रविदास की पृष्ठभूमि भी आई सामने। राजनीति में ईमानदार छवि बनाने वाले गोपाल रविदास के व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी कुछ जानकारियां भी सामने आई हैं। वे 1987 में पटना विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वर्तमान में उनके नाम कोई पक्का मकान नहीं है। वे गैरमजरूआ जमीन पर बने घर में रहते हैं। उनकी पत्नी मसौढ़ी अस्पताल में ‘ममता’ के पद पर कार्यरत हैं। गोपाल रविदास के पास कुल बैंक जमा मात्र ₹1.5 लाख है, जबकि उनकी पत्नी के पास ₹57 हजार।
विधायक बनने के बाद उन्होंने एक स्कॉर्पियो खरीदी है, जिसकी लोन की किस्तें अभी भी चल रही हैं। खानदानी ज़मीन की कीमत महज ₹3 लाख आंकी गई है।
हालांकि, जानकारी यह भी सामने आई है कि उनके खिलाफ फुलवारी शरीफ थाना में एक आपराधिक मामला दर्ज है।
राजनीति में सादगी, जनसंघर्ष का नारा और बड़ा वादा लेकर गोपाल रविदास ने एक बार फिर मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता एक बार फिर भरोसा जताती है या बदलाव के मूड में है।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव