
पटना।
सांस्कृतिक संस्था लोक पंच द्वारा दिनांक 09 से 12 अक्टूबर, 2024 को प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से ग्राम + पो० बेलाव, थाना बरबीघा, जिला शेखपुरा में 4 दिवसीय दशरथ मांझी नाट्य महोत्सव का आयोजन हो रहा है। जहां पटना की अन्य संस्थाएं केवल पटना शहर में ही नाटकों का प्रदर्शन करती हैं, वही लोक पंच द्वारा विगत 8 वर्षों से बिहार के विभिन्न जिलों के ग्रामों में नाट्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, ताकि नाट्यकला उन जगहों तक पहुंच सके, जहां के लोग इससे परिचित नहीं है।

आज महोत्सव के पहले दिन दिनांक 9 अक्टूबर, 2024 को प्रयत्नम द्वारा गौरव कुमार निर्देशित नाटक “कलयुग का पंच” की प्रस्तुति की गयी।

कथासार
इस नाटक की शुरुआत एक पंचायत से होती है। जहां एक “रामधनी” नाम के गरीब किसन पर अपनी पुरानी खूनस को निकलने के लिए सेठ धनपत लाल अपने खेत में रामधनी के जानवर द्वारा फसल नष्ट करने का आरोप लगाकर सेठ धनपत लाल, पंच से मिलकर उसे आरोपी साबित कर देता है और दंड स्वरूप उसे लाठी मार–मार कर मार डालता है। बाद में चलकर रामधनी बेटी के साथ सेठ ” धनपत लाल” का छोटा बेटा “जयंत” का प्रेम हो जाता है। दरअसल ये प्रेम के नाम पर उसके साथ छलावा करता है। रामधनी के बेटी का नाम अंकुश रहता है। जयंत और अंकुश दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते है थे जयंत उसे प्रेम का ढोंग कर के गर्भवती कर देता है। जब यह बात अंकुश के घर में पता चलती है अंकुश का बड़ा भाई विक्की पहले तो गुस्से से आग बबूला हो जाता है और फिर कुछ ही देर बाद वो अपनी बहन की शादी का प्रस्ताव लेकर जयंत के घर जाता है। पर जयंत शादी करने से साफ़ इनकार कर देता है और विक्की को मारपीट कर भगा देता है। बाद में सेठ के कुछ गुंडे और उसका छोटा बेटा जयंत मिलकर लड़की को मरने की कोशिश करता है इसी बीच किसी तरह अंकुश बचकर जयंत का चाकू उसी के गर्दन मारकर जयंत की हत्या कर देती है। यह देख सेठ का आदमी अंकुश को भी मार देता है। यह खबर जैसे ही अंकुश सुनता है तो वो दौड़ा चलाता है, जब अंकुश का भाई वहां पहुंचता है तो सेठ धनपत लाल उसे अपने बहन और बेटे के हत्या का आरोप लगा देता है। विक्की को पुलिस से जान बचाकर भागना पड़ता है। लेकिन फिर एक दिन बदला लेने के लिए
छिपते छिपाते विक्की आता है फिर सेठ धनपत लाल और पंच की हत्या कर देता है।
अंत में पुलिस आती है और कानून के हिसाब से न्याय किया जाता है।

मंच पर
चंदन सिंह, दीपक पांडे, महेंद्र साव, सुरेंद्र प्रसाद, विकास कुमार, अंकित, शिवम पांडेय, आशुतोष कुमार,
मंच परे
प्रकाश : अमित कुमार
सेट डिजाइन : रौनक कुमार
वस्त्र विन्यास : प्रियांशु राज
ढोलक : राम अयोध्या
संस्था : प्रयत्नम

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव
