बिक्रम।

समाज में दिव्यांगों की स्थिति में बदलाव की कोशिशें लगातार हो रही हैं, और अब एक नई पहल सामने आई है, जो उनकी ज़िंदगी में उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है। एसबीआई फाउंडेशन और एक्शनएड एसोशिएशन की साझेदारी में चल रही स्वावलंबन परियोजना ने दिव्यांगजनों के जीवन को संवारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस परियोजना के तहत, दिव्यांगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं।

रोजगार के नए अवसर

हाल ही में बिक्रम प्रखंड के मंझौली गांव निवासी राजेश्वर यादव को एक छोटे किराना दुकान के लिए आवश्यक सामग्री दी गई। वहीं, कमलेश कुमार को अंडा, नीमकी और चाट आदि दुकान शुरू करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन मुहैया कराए गए। इसके अलावा, सुंदरपुर चौठिया गांव के निवासी सुनील मांझी को चाउमीन, अंडा रोल और चाट की दुकान के लिए सभी आवश्यक बर्तन और सामग्री दी गई।

इन दुकानों का उद्घाटन एक्शनएड एसोशिएशन के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री सौरभ कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी शरद कुमारी, और मो. इकराम जी द्वारा किया गया। इस मौके पर सभी दिव्यांगों के चेहरे पर खुशी की झलक देखने को मिली, और पूरे गांव में खुशी का माहौल बना।

दिव्यांगों के लिए बदलाव की दिशा

इस अवसर पर सौरभ कुमार ने कहा, “आज भी समाज में दिव्यांगों को बोझ समझा जाता है, लेकिन एसबीआई और एक्शनएड की स्वावलंबन परियोजना ने उन्हें रोजगार देकर न केवल उनकी दशा बल्कि उनकी दिशा को भी बदलने का प्रयास किया है।”

कार्यक्रम पदाधिकारी शरद कुमारी ने भी इस पहल को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “यह रोजगार सिर्फ एक आय का साधन नहीं है, बल्कि यह दिव्यांगों के आत्मसम्मान को भी बढ़ाता है। इससे समाज में उनके प्रति सकारात्मक सोच का विकास होगा।”

जागरूकता और सशक्तिकरण

एक्शनएड के जिला समन्वयक कुमारी वैष्णवी ने जानकारी दी कि, “एक्शनएड 2006 से ही दिव्यांगों के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है। अब एसबीआई फाउंडेशन के सहयोग से उन्हें रोजगार देने के साथ आवश्यक संसाधन भी मुहैया कराए जा रहे हैं।”

आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम और

इस कार्यक्रम के समापन पर प्रखंड उत्प्रेरक अरुण कुमार ने एसबीआई और एक्शनएड का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “पहले गरीब दिव्यांगों को अपनी आजीविका के लिए दर-दर भटकना पड़ता था, लेकिन अब वे अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम होंगे। यह उनके जीवन में आत्मनिर्भरता और सम्मान की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

इस पहल से केवल दिव्यांगों को रोजगार ही नहीं मिल रहा, बल्कि उनके जीवन में एक नया उद्देश्य और आत्मविश्वास भी जुड़ रहा है। एसबीआई और एक्शनएड की यह साझेदारी न सिर्फ आजीविका के नए अवसर खोल रही है, बल्कि यह समाज में दिव्यांगों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा दे रही है। आने वाले दिनों में इस तरह की पहलें और भी लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम करेंगी।

रिपोर्ट: शशांक मिश्रा