
पटना। बिहार की राजधानी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पटना के राजेन्द्र नगर स्थित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी का भव्य उद्घाटन किया। 21 एकड़ में फैले इस अत्याधुनिक विज्ञान केंद्र को देखने पहुंचे बच्चों ने तालियों की गड़गड़ाहट से मुख्यमंत्री का स्वागत किया, जबकि नीतीश कुमार ने भी उनका अभिवादन स्वीकार करते हुए विभिन्न गैलरियों और वैज्ञानिक प्रदर्शनों का बारीकी से निरीक्षण किया।

उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह साइंस सिटी न केवल बिहार बल्कि देश भर के लिए विज्ञान और नवाचार का एक विशिष्ट केंद्र बनेगा। उन्होंने बताया कि इसके निर्माण के लिए विशेषज्ञों की राय ली गई, अंतरराष्ट्रीय स्तर के साइंस सिटी का अध्ययन किया गया और खुद उन्होंने लंदन स्थित साइंस सिटी का निरीक्षण किया था। मुख्यमंत्री ने कहा, “यहां आने वाले छात्र-छात्राओं को विज्ञान के सिद्धांतों को समझना आसान होगा और उनमें नई खोजों के प्रति उत्सुकता बढ़ेगी।”

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी में विज्ञान आधारित पाँच थीम गैलरियाँ तैयार की गई हैं—बी अ साइंटिस्ट गैलरी, सस्टेनेबल प्लैनेट गैलरी, बेसिक साइंस गैलरी, बॉडी एंड माइंड गैलरी और एस्ट्रोनॉमी एंड स्पेस गैलरी। इसके अलावा यहाँ 269 रोचक विज्ञान प्रदर्श, 4D थिएटर, 500 सीटों वाला ऑडिटोरियम, मुक्त आकाश रंगमंच और छात्रों-शिक्षकों के लिए 150 शैय्या की डॉरमेट्री की सुविधा भी है। परिसर में सौर ऊर्जा का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए 150 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। 889 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह परियोजना 2019 में रखी गई नींव से लेकर उद्घाटन तक मुख्यमंत्री की विशेष निगरानी में रही। अब यह साइंस सिटी बिहार के युवाओं को विज्ञान की ओर आकर्षित करने और राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक नवाचार का नया हब बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी।