बिहटा।

शिक्षा पद्धति को नई ऊर्जा और आधुनिक दृष्टिकोण देने के उद्देश्य से बुधवार को आईआईटी पटना कैंपस के गेस्ट हाउस में केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) पटना संभाग की दो दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई। यह कार्यशाला विशेष रूप से अंग्रेजी विषय के स्नातकोत्तर अध्यापकों के लिए आयोजित की गई है। इसका मुख्य विषय है— “एक्सपीरियंशियल इंग्लिश लर्निंग : इनोवेटिव अप्रोच इन पेडगॉजी”।


उद्घाटन समारोह में आईआईटी पटना के डीन (एकेडमिक्स एंड एडमिनिस्ट्रेशन) प्रो. एन.के. ठाकुर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “जब शिक्षण में प्रयोगधर्मिता और नवीन तकनीकों का समावेश होता है, तब न केवल कक्षाएं जीवंत बनती हैं, बल्कि हम ऐसे नागरिक तैयार करते हैं जो समाज के लिए उपयोगी और जिम्मेदार हों।”

इस कार्यशाला का संचालन कोर्स डायरेक्टर एवं केंद्रीय विद्यालय आईआईटी पटना के प्राचार्य डॉ. जयकुमार झा के नेतृत्व में हो रहा है। पटना संभाग के अंतर्गत आने वाले विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों से 34 अंग्रेजी स्नातकोत्तर अध्यापक इसमें भाग ले रहे हैं। डॉ. झा ने कहा कि भाषा शिक्षकों को समय-समय पर साहित्य, भाषा-मानकों और शिक्षण-पद्धतियों के परिवर्तनों से परिचित रहना चाहिए, ताकि वे विद्यार्थियों को अद्यतन और सशक्त शिक्षण दे सकें।


अतिथि वक्ता के रूप में आईआईटी पटना की प्रो. स्मृति सिंह और प्रो. श्वेता सिन्हा ने शिक्षण के नवाचारों और अनुभवात्मक शिक्षा के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि “अनुभव आधारित शिक्षण से न केवल भाषा की गहराई समझ आती है, बल्कि विद्यार्थियों में रचनात्मकता और तर्कशीलता भी विकसित होती है। इस दिशा में अध्यापकों को निरंतर विचार-विमर्श और प्रयोग करते रहना चाहिए।”

समारोह की शुरुआत में केंद्रीय विद्यालय आईआईटी पटना के विद्यार्थियों ने मधुर स्वागत गान प्रस्तुत किया। इसके बाद अतिथि वक्ताओं और नामित अध्यक्ष को हरित पौधे भेंट कर पर्यावरण-संवेदनशील परंपरा निभाई गई। मंच संचालन श्रीमती स्नेहलता ने कुशलता से किया।

शिक्षा जगत के जानकारों का मानना है कि इस तरह की कार्यशालाएं न केवल अध्यापकों को नई दृष्टि देती हैं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया को भी समृद्ध करती हैं। आने वाले दिनों में इस वर्कशॉप से निकले विचार और प्रयोग पटना संभाग के केंद्रीय विद्यालयों के कक्षाओं में बदलाव की नई बयार ला सकते हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट