
नई दिल्ली।
देश की सियासत इन दिनों मतदाता सूची के कथित घोटाले पर उबल रही है। सोमवार को राजधानी में विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। राहुल गांधी के नेतृत्व में INDIA गठबंधन के सांसद संसद से लेकर चुनाव आयोग दफ्तर तक कूच करने निकले, लेकिन दिल्ली पुलिस ने रास्ते में ही काफिले को थाम लिया।
मार्च के दौरान नारेबाजी, बैरिकेड पर चढ़ने और पुलिस से तीखी नोकझोंक के दृश्य राजधानी की सड़कों पर सियासी टकराव की तस्वीर बन गए। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव बैरिकेड लांघकर आगे निकल गए, जबकि तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा और सागरिका घोष भी पुलिस रोक को चुनौती देते दिखीं। आखिरकार हालात ऐसे बने कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, संजय राउत और कई सांसदों को हिरासत में लेना पड़ा।
चुनाव आयोग ने विपक्ष के 30 सदस्यों को मुलाक़ात के लिए बुलाया था, लेकिन विपक्षी सांसद पूरे दल बल के साथ पहुंचने पर अड़े रहे। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, पर माहौल गरमाता चला गया।
राहुल गांधी ने मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाते हुए इसे “वोट चोरी” करार दिया है और एक ऑनलाइन अभियान भी शुरू किया है। विपक्ष का दावा है कि यह मुद्दा सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी का नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
राजधानी में आज का दिन यह साफ कर गया कि आने वाले दिनों में मतदाता सूची का विवाद सिर्फ चुनाव आयोग के गलियारों तक सीमित नहीं रहने वाला, बल्कि सियासत के मैदान में बड़ा चुनावी हथियार बनने जा रहा है।
ब्यूरो रिपोर्ट