पटना।
पटना के फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र स्थित मौर्य बिहार कॉलोनी में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब शनिवार की शाम कॉलोनी के पीछे एक नाले से 13 दिनों से लापता मंजेश कुमार का शव बरामद हुआ। मृतक मंजेश कुमार (उम्र लगभग 35 वर्ष) मौर्य बिहार कॉलोनी के निवासी थे और पटना एम्स के सामने स्थित एक दवा दुकान में कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे। परिजनों ने 6 जुलाई को उनकी गुमशुदगी की सूचना फुलवारी शरीफ थाना में दी थी। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर उनकी खोज की, लेकिन शनिवार तक कोई सुराग नहीं मिला था।

शव मिलने की खबर जैसे ही इलाके में फैली, बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और हंगामा शुरू हो गया। मंजेश की पत्नी और दो छोटे बच्चों सहित पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल था। परिजनों और मोहल्लेवासियों ने हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना था कि पहले ही पुलिस को सूचना दी गई थी, लेकिन वह समय रहते कार्रवाई नहीं कर सकी। गुस्साए लोगों ने मौके पर पहुंची पुलिस टीम से धक्का-मुक्की और नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई।

मौके पर पहुंचे फुलवारी शरीफ थानाध्यक्ष गुलाम मोहम्मद शाहबाज आलम ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पटना एम्स भेज दिया है। थानाध्यक्ष का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि मंजेश की मौत पानी में डूबने से हुई या उनकी हत्या कर शव को नाले में फेंका गया। शव काफी फूल चुका था जिससे शरीर पर चोट या गला दबाने जैसे निशान साफ नहीं दिख रहे थे।

परिजनों ने बताया कि मंजेश 6 जुलाई की शाम घर से यह कहकर निकले थे कि वह कलम लाने जा रहे हैं, लेकिन उसके बाद उनका कोई अता-पता नहीं चला। मोबाइल लोकेशन अंतिम बार शिवाला में मिली थी, जो शनिवार को भी वहीं ट्रेस हुई। इसी दौरान एक राहगीर की नजर नाले में पड़े शव पर पड़ी, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव