आरा (भोजपुर)।
शारदीय नवरात्र के अवसर पर 18  दिवसीय रामलीला का आयोजन  400 वर्ष पुरानी नगर रामलीला समिति के तत्वाधान में शनिवार को तीसरे दिन का लीला का मंचन वृंदावन की मंडली के द्वारा किया गया। आज की लीला में रामजन्म विश्वामित्र आगमन और ताड़का वध का मंचन किया गया। सर्वप्रथम विशेष अतिथियों और समिति के सदस्यों द्वारा आरती का कार्यक्रम किया गया। दर्शकों ने राजा दशरथ से विश्वामित्र के द्वारा राम और लक्ष्मण की मांग को देखा गया। ऋषि वशिष्ठ के द्वारा अनुमति मिलने पर राजा दशरथ ने राम और लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ विदा कर दिया।

मंचन के दौरान कलाकारों ने विश्वामित्र के दिए गए अध्यात्मिक ज्ञान और अस्त्र-शस्त्र की विधा के द्वारा प्रभु श्री राम ने ताड़का का वध दृश्य को जीवंत बना दिया। तड़का महर्षि अगस्त्य  के आश्रम को तहस-नहस करने पर लगी थी जिससे सभी ऋषि मुनि परेशान थे क्योंकि ताड़का का वध विधि द्वारा तो प्रभु श्रीराम के द्वारा लिखा हुआ था इसलिए महर्षि विश्वामित्र के द्वारा राजा दशरथ से प्रभु श्रीराम को साथ ले जाने की अनुमति लेनी पड़ी।अध्यक्ष सोनू राय ने कहा कि आज के माता-पिता को भी अपने बच्चों को एक अच्छे गुरु के पास शिक्षा लेने के लिए भेजना चाहिए, जिससे वह अपनी देश और समाज की रक्षा कर सके। प्रभु राम के आदर्श एवं उनके मार्गदर्शन से ही आजकल के बच्चों का भविष्य संवरेगा। उपाध्यक्ष सनी शाहाबादी ने कहा कि इस बार का देवी जागरण भव्य एवं आकर्षण होगा। शहर वासियों को एक अच्छी मंडली द्वारा मां का जागरण देखने को मिलेगा। उन्होंने भविष्य में भी रामलीला को लेकर अपने सुझाव दी। मंच संचालन दिलीप गुप्ता ने किया। मुख्य अतिथि पूर्व एमएलसी लाल दास राय, सिविल सर्जन भोजपुर शिवेंद्र कुमार सिन्हा, राममूर्ति प्रसाद, सुश्री विभा,जिला पार्षद  धनंजय यादव, रि. जज अरुण कुमार श्रीवास्तव, विजय सिंह, अरुण यादव, पूर्व जिला परिषद शैलेंद्र राम पूर्व जिला परिषद, डॉ रवि रंजन डीपीएम भोजपुर, अश्वनी कुमार, नागेंद्र चौधरी, आलोक अंजन, विभु जैन,रतन प्रताप सिंह रघुवंशी, संरक्षक मंडल में श्री 1008 श्रीरामकिंकर दास जी महाराज, रामेश्वर प्रसाद, हकीम प्रसाद, सचिव शंभू नाथ प्रसाद, उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता, शत्रुघ्न प्रसाद, शंभू नाथ केसरी, गौतम उर्फ़ राजा, प्रवक्ता पंकज प्रभाकर और समिति के सभी सदस्य आज मौजूद थे।

ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी