
पटना।
आदर्श केंद्रीय कारा बेउर में की गई औचक छापेमारी में जेल के भीतर तीन मोबाइल फोन और अन्य प्रतिबंधित सामग्री बरामद की गई। छापेमारी के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। पटना प्रमंडल के आयुक्त और पटना प्रक्षेत्र के महानिरीक्षक के नेतृत्व में दोपहर 3:05 बजे से 4:45 बजे तक चली कार्रवाई में सुरक्षा व्यवस्था की कई खामियां उजागर हुईं।
कार्रवाई के तुरंत बाद जेल अधीक्षक नीरज कुमार झा ने तीन कक्षपालों को कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया। इनमें अंतोष कुमार सिंह, आशीष कुमार और ओम कुमार गुप्ता शामिल हैं। वहीं, तीन अन्य अधिकारियों—दफा प्रभारी गिरीज यादव, सहायक अधीक्षक नीरज कुमार रजक और उपाधीक्षक अजय कुमार—से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि जांच में यदि किसी और की संलिप्तता पाई जाती है तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह छापेमारी उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड के मद्देनजर और भी अहम मानी जा रही है। प्रशासन को आशंका है कि इस हत्याकांड की साजिश जेल से रची गई हो सकती है। इसी क्रम में जेल में बंद करीब 100 कैदियों से पूछताछ की गई है। अधिकारियों ने इस पहलू की भी जांच शुरू कर दी है कि क्या जेल में बंद अपराधियों के पास मोबाइल फोन के जरिए बाहरी संपर्क बना हुआ था।
लगातार मोबाइल और प्रतिबंधित सामानों की बरामदगी ने जेल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जेल में अनुशासनहीनता और सुरक्षा में चूक से यह साफ हो गया है कि अंदर से मिलीभगत के बिना इस तरह की गतिविधियां संभव नहीं हैं। शासन स्तर पर भी बेउर जेल को लेकर सख्त रवैया अपनाने के संकेत मिल रहे हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव