
पटना।राजधानी के परसा बाजार थाना क्षेत्र में एक बड़ी ठगी का मामला उजागर हुआ है, जहां दिव्य धारा निधि लिमिटेड नाम की चिट फंड कंपनी ने बैंकिंग का झांसा देकर सैकड़ों लोगों से लाखों रुपये की वसूली की और समय आने पर पैसा लौटाने से मुकर गई।
शिकायतकर्ता न्यू एतवारपुर निवासी बैजू कुमार ने बताया कि कंपनी ने निवेश पर मुनाफे का लालच दिया और भरोसा दिलाया कि समय पर पैसा लौटाया जाएगा। उन्होंने ₹51,000 जमा किए थे, जिसमें से केवल ₹5,000 ही वापस मिले। जब उन्होंने शेष रकम मांगी, तो कंपनी के कर्मचारियों—साहिल कुमार और मुकेश कुमार—ने न सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि मारपीट कर उन्हें ऑफिस से भगा दिया।
कंपनी बीते दो वर्षों से पिलर नंबर 44 के पास कुमार मार्केट की तीसरी मंजिल पर चल रही थी और वहां से पूरे इलाके में अपना नेटवर्क फैलाया गया था।
थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर मेनका रानी के मुताबिक, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों—मनोज और बबलू—को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, मुख्य आरोपियों में शामिल मुकेश कुमार और साहिल कुमार (निवासी मटखान, सिपारा), अमित कुमार (छपरा, सारण) और इन्द्रजीत कुमार अभी फरार हैं। पुलिस की टीमें उनकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं।
अब तक करीब 29 पीड़ित थाने में शिकायत दर्ज करा चुके हैं, जबकि आशंका है कि यह संख्या 200 से अधिक हो सकती है। यह भी जांच की जा रही है कि कंपनी ने किन-किन माध्यमों से निवेशकों को फंसाया और कुल कितनी राशि की ठगी की गई।
फिलहाल पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति इस फर्जीवाड़े का शिकार हुआ है, तो बिना डर के सामने आकर थाने में शिकायत दर्ज कराए।
यह घोटाला बताता है कि किस तरह आमजन की गाढ़ी कमाई को सुनियोजित ढंग से लूटा गया और कानून के डर के बिना कंपनी के कर्मचारियों ने लोगों के साथ बदसलूकी की। पुलिस की जांच से आने वाले दिनों में इस पूरे रैकेट की परतें खुल सकती हैं।
राजधानी के परसा बाजार थाना क्षेत्र में एक बड़ी ठगी का मामला उजागर हुआ है, जहां दिव्य धारा निधि लिमिटेड नाम की चिट फंड कंपनी ने बैंकिंग का झांसा देकर सैकड़ों लोगों से लाखों रुपये की वसूली की और समय आने पर पैसा लौटाने से मुकर गई।
शिकायतकर्ता न्यू एतवारपुर निवासी बैजू कुमार ने बताया कि कंपनी ने निवेश पर मुनाफे का लालच दिया और भरोसा दिलाया कि समय पर पैसा लौटाया जाएगा। उन्होंने ₹51,000 जमा किए थे, जिसमें से केवल ₹5,000 ही वापस मिले। जब उन्होंने शेष रकम मांगी, तो कंपनी के कर्मचारियों—साहिल कुमार और मुकेश कुमार—ने न सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि मारपीट कर उन्हें ऑफिस से भगा दिया।
कंपनी बीते दो वर्षों से पिलर नंबर 44 के पास कुमार मार्केट की तीसरी मंजिल पर चल रही थी और वहां से पूरे इलाके में अपना नेटवर्क फैलाया गया था।
थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर मेनका रानी के मुताबिक, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों—मनोज और बबलू—को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, मुख्य आरोपियों में शामिल मुकेश कुमार और साहिल कुमार (निवासी मटखान, सिपारा), अमित कुमार (छपरा, सारण) और इन्द्रजीत कुमार अभी फरार हैं। पुलिस की टीमें उनकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं।
अब तक करीब 29 पीड़ित थाने में शिकायत दर्ज करा चुके हैं, जबकि आशंका है कि यह संख्या 200 से अधिक हो सकती है। यह भी जांच की जा रही है कि कंपनी ने किन-किन माध्यमों से निवेशकों को फंसाया और कुल कितनी राशि की ठगी की गई।
फिलहाल पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति इस फर्जीवाड़े का शिकार हुआ है, तो बिना डर के सामने आकर थाने में शिकायत दर्ज कराए।
यह घोटाला बताता है कि किस तरह आमजन की गाढ़ी कमाई को सुनियोजित ढंग से लूटा गया और कानून के डर के बिना कंपनी के कर्मचारियों ने लोगों के साथ बदसलूकी की। पुलिस की जांच से आने वाले दिनों में इस पूरे रैकेट की परतें खुल सकती हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव