
पटना।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर पटना जिला प्रशासन पूरी सक्रियता से मैदान में उतर चुका है। जिलाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को मनेर विधानसभा क्षेत्र के बिहटा प्रखंड अंतर्गत कोरहर गांव स्थित श्रीरामपुर पंचायत के महादलित टोले का दौरा कर बूथ लेवल ऑफिसरों (बीएलओ) द्वारा चलाए जा रहे डोर-टू-डोर गणना फॉर्म वितरण और संग्रह कार्यों की वस्तुस्थिति का जायजा लिया।
जिलाधिकारी ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान आमजन से संवाद स्थापित कर मतदाता सूची के इस व्यापक अभियान के उद्देश्य और प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह अभियान लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कड़ी है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी योग्य नागरिकों का नाम मतदाता सूची में हो और किसी भी अयोग्य या मृत व्यक्ति का नाम हटाया जा सके।
दस्तावेज़ सत्यापन में नहीं होगी ढिलाई
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि 1 जनवरी 2003 को हुई अंतिम विशेष गहन पुनरीक्षण में जिन नागरिकों के नाम दर्ज हैं, उन्हें इस बार दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी, केवल प्रविष्टियों की पुष्टि जरूरी है। साथ ही यदि किसी मतदाता के माता या पिता का नाम 2003 की सूची में दर्ज है, तो उसे भी नामांकन हेतु दस्तावेज नहीं देना होगा।
क्षेत्रीय कर्मियों की तैनाती से अभियान को गति
विशेष पुनरीक्षण को कारगर बनाने के लिए प्रशासन ने विभिन्न विभागों से जुड़े कार्मिकों को भी जोड़ा है। जिले के 1,941 अनुसूचित जाति बहुल टोलों में 500 विकास मित्र, 3,356 बूथों पर जीविका के कैडर, पटना नगर निगम क्षेत्र में एनयूएलएम के 20 कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन और 7,960 सदस्य, वहीं आंगनबाड़ी सेविकाओं की 4,978 की टीम को फील्ड में उतारा गया है। सभी को प्रशिक्षण देकर गणना फॉर्म के वितरण, दस्तावेज संग्रहण और मतदाता मार्गदर्शन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
दिशा-निर्देशों के अक्षरशः अनुपालन पर ज़ोर
इससे पूर्व जिलाधिकारी ने बिहटा स्थित जीजे कॉलेज सभागार में मनेर और बिक्रम विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों, सहायक पदाधिकारियों और बीएलओ सुपरवाइजरों के साथ समीक्षा बैठक कर प्रगति की स्थिति जानी। उन्होंने बूथवार फॉर्म वितरण और दस्तावेज़ संग्रहण की प्रगति का लेखा-जोखा लिया और भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करने का सख़्त निर्देश दिया।
नाम जुड़वाने से न छूटे कोई पात्र मतदाता
डॉ. सिंह ने कहा कि यह एक समयबद्ध एवं अति महत्वपूर्ण कार्य है। जो मतदाता गणना फॉर्म समय से नहीं जमा करेंगे, उनके नाम प्रारूप सूची में नहीं जुड़ेंगे। हालांकि ऐसे लोग दावा-आपत्ति अवधि (1 अगस्त से 1 सितंबर) में फॉर्म-6 और घोषणा पत्र के साथ आवेदन कर सकते हैं।
बीएलओ की कार्यशैली पर रखी जा रही पैनी नजर
जिलाधिकारी ने बताया कि बीएलओ के कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है। जो कर्मी लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से लेकर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जा रही है। उन्होंने बीएलओ पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि वे बीएलओ के कार्यों का गुणात्मक और मात्रात्मक मूल्यांकन करें।
हर मतदाता तक पहुंचे अभियान, मीडिया और दलों से सहयोग की अपील
जिलाधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों, मीडिया प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों से इस अभियान में सहभागिता की अपील की। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी, समावेशी और सहभागिता-पूर्ण वातावरण में संपन्न होनी चाहिए।
मतदाता सूची अपडेट का विस्तृत कार्यक्रम
25 जून से 26 जुलाई तक घर-घर सर्वेक्षण, 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन, 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति की अवधि और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। यह सूची सभी मान्यता प्राप्त दलों को दी जाएगी और ईसीआई की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी।
ग्रामीण विकास, आईसीडीएस, जीविका व अन्य विभागों को किया गया सेंसिटाइज
जिला स्तर से लेकर सभी 23 प्रखंडों तक संबंधित विभागों के अधिकारियों को सेंसिटाइज किया गया है। सभी को अंतर्विभागीय समन्वय से कार्यों को समय पर पूर्ण करने का निर्देश मिला है। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी विभागीय कर्मी पुनरीक्षण कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
जन सहयोग के लिए 1950 हेल्पलाइन
जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी तरह की जानकारी या सहायता के लिए मतदाता टोलफ्री नंबर 1950 पर संपर्क कर सकते हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट