धमदाहा (पूर्णिया)।
धमदाहा नगर पंचायत निवासी कुंदन रंजन ने नगर पंचायत कार्यालय पर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर पंचायत में कार्यरत एनजीओ “सीबीएस फर्स्टलिटीज” के कर्मी लक्ष्मण कुमार यादव द्वारा विभिन्न वार्ड पार्षदों को यूपीआई के माध्यम से हर माह ₹9,000 और मुख्य पार्षद को ₹2 लाख की राशि भेजी जाती है, जो संदिग्ध है।

कुंदन रंजन ने इस पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए स्थानीय पदाधिकारियों से लेकर सीएमओ तक को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजा है। उन्होंने दावा किया कि नगर पंचायत द्वारा की गई खरीदारी में भी भारी गड़बड़ी है। उदाहरणस्वरूप, हाई मास्क लाइट की 29 यूनिट की खरीद में प्रति लाइट ₹8.5 लाख दिखाया गया है, जबकि बाजार कीमत ₹55,000 है।

इसी तरह, 218 स्टील डस्टबिन की खरीद में प्रति डस्टबिन ₹26,500 दिखाया गया, जबकि बाजार कीमत मात्र ₹4,850 है। वहीं, प्रत्येक शाइनिंग बोर्ड की कीमत ₹26,500 और वेलकम गेट की कीमत ₹8.5 लाख दर्शाई गई है, जो संदेहास्पद है।

नाम न छापने की शर्त पर कुछ वार्ड पार्षदों ने यूपीआई के माध्यम से राशि मिलने की पुष्टि की है।

इस पूरे प्रकरण पर नगर कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) दिव्या मिश्रा, मुख्य पार्षद रानी देवी और एनजीओ कर्मी लक्ष्मण कुमार यादव ने लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। ईओ दिव्या मिश्रा ने कहा कि उन्हें आवेदन की जानकारी नहीं है और वित्तीय अनियमितता के आरोप निराधार हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट संतोष कुमार