बिहटा।
पटना के बिहटा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NSMCH) ने मोटापे के खिलाफ जंग में एक अहम कामयाबी हासिल की है। शुक्रवार को अस्पताल में एक 37 वर्षीय मरीज की उन्नत बेरियाट्रिक सर्जरी कर उसे न केवल बढ़ते वजन से राहत दी गई, बल्कि उसके जीवन को भी एक नई दिशा दी गई। मरीज का वजन 146 किलोग्राम और बीएमआई 48.6 था, जो कि गंभीर मोटापे की श्रेणी में आता है। इसके साथ ही वह नींद में सांस रुकने की बीमारी (Sleep Apnea), हड्डियों के दर्द (Osteoarthritis) और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई पुरानी बीमारियों से पीड़ित था।

कई अस्पतालों में इलाज करवाने के बाद जब राहत नहीं मिली, तब मरीज झारखंड के जमशेदपुर से बिहटा के NSMCH पहुंचे। यहां की विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने बिना समय गंवाए मरीज की हालत का गहराई से मूल्यांकन किया और सर्जरी की योजना बनाई। अत्याधुनिक तकनीकों से लैस ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टरों ने महज़ 45 मिनट में “स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी” प्रक्रिया को अंजाम दिया। खास बात यह रही कि पूरी सर्जरी अत्याधुनिक स्ट्रीकर 1788 सिस्टम और आईसीजी (Indocyanine Green) मोडालिटी की मदद से की गई, जिससे शरीर में खून का नुकसान बेहद कम हुआ और सर्जरी के बाद मरीज की हालत पूरी तरह स्थिर रही।

सर्जरी टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. निरुपम सिन्हा ने इस उपलब्धि को टीम वर्क का नतीजा बताया। उन्होंने कहा, “मोटापा सिर्फ एक शारीरिक समस्या नहीं, बल्कि यह मानसिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी व्यक्ति को जकड़ लेता है। लेकिन सही समय पर किया गया इलाज न केवल जीवन की गुणवत्ता बढ़ाता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी बचाव करता है।” उन्होंने आगे कहा कि NSMCH जैसी संस्थाएं अब गांव-कस्बों तक अत्याधुनिक चिकित्सा की रोशनी पहुंचा रही हैं, जो कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक नई क्रांति है।

इस जटिल सर्जरी को सफल बनाने में कई विभागों ने समन्वय से काम किया। शल्य चिकित्सा विभाग के डॉ. अभिषेक, एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. नवीन और डॉ. फसीउल्लाह, सामान्य सर्जन डॉ. मनीष और डॉ. अशुतोष, ओटी प्रभारी चंदन झा सहित पूरे स्टाफ की भूमिका सराहनीय रही। मरीज अब तेजी से स्वस्थ हो रहा है और डॉक्टर्स के मुताबिक कुछ ही हफ्तों में उसके जीवन में उल्लेखनीय सुधार देखा जा सकेगा।

अस्पताल के प्रबंधन ने भी इस उपलब्धि पर संतोष जताया और भरोसा दिलाया कि NSMCH आने वाले समय में मोटापे जैसी जीवनशैली जनित बीमारियों के इलाज में पूर्वी भारत का एक प्रमुख केंद्र बनेगा। “हमारा लक्ष्य है कि तकनीक और सेवा को गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाए,” — यही संदेश इस ऑपरेशन ने पूरे स्वास्थ्य जगत को दिया है।

ब्यूरो रिपोर्ट