
आरा (भोजपुर)।
सिविल कोर्ट आरा के एडीजे-6 अरविंद कुमार सिंह की अदालत ने शनिवार को 10 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी नारायण उर्फ वकील साह को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने आरोपी पर 1 लाख 25 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि न देने की स्थिति में उसे छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
यह मामला नगर थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 33 का है। 17 दिसंबर 2024 को 5वीं कक्षा में पढ़ने वाली मासूम बच्ची आटा लेने घर से निकली थी लेकिन वापस नहीं लौटी। परिजनों की खोजबीन के बाद शक के आधार पर जब नारायण साह के घर पहुंचे, तो अंडरग्राउंड कमरे में पलंग के नीचे बच्ची की क्षत-विक्षत लाश मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डीएनए जांच में रेप की पुष्टि हुई। बच्ची के शरीर पर 10 से अधिक जगहों पर वार किए गए थे।
स्पीडी ट्रायल के तहत चले इस मामले में कोर्ट ने 22 मई को ही आरोपी को दोषी करार दिया था। शनिवार को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि यह अपराध अत्यंत जघन्य और मानवता को शर्मसार करने वाला है।
पीड़िता के माता-पिता, दादा, डॉक्टर, केस के अनुसंधानकर्ता नगर थानाध्यक्ष देवराज राय सहित कुल 12 लोगों की गवाही के आधार पर अदालत ने यह फैसला सुनाया। पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सरोज कुमारी ने भी अभियोजन पक्ष की ओर से अहम भूमिका निभाई।
भोजपुर एसपी ने जानकारी दी कि डीएनए रिपोर्ट से आरोपी की संलिप्तता साबित होने के बाद स्पीडी ट्रायल और पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद न ही उसका कोई वकील मिला और न ही कोई परिजन उससे मिलने आए।
पीड़िता के परिवार ने कोर्ट के फैसले को न्याय की दिशा में एक कदम बताया, हालांकि वे आरोपी को फांसी की सजा मिलने की उम्मीद कर रहे थे।
ब्यूरो रिपोर्ट अनिल कुमार त्रिपाठी