पटना।
एम्स पटना ने नेत्रहीनों के इलाज की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए अपने नेत्र बैंक में पहली बार कॉर्निया दान प्राप्त किया है। यह महत्वपूर्ण कदम बिहार सरकार द्वारा हाल ही में ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन ऑर्गन्स एंड टिशूज़ एक्ट के तहत मिली अनुमति के बाद संभव हो सका है।

एम्स पटना में अत्याधुनिक नेत्र बैंक की स्थापना एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट, हैदराबाद के तकनीकी सहयोग से की गई है। इस अवसर पर एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) सौरभ वर्श्नेय ने नेत्र बैंक टीम को इस ऐतिहासिक शुरुआत के लिए बधाई दी और इसे कॉर्निया अंधता से पीड़ित मरीजों के लिए वरदान बताया।

एम्स पटना के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. (डॉ.) अनुप कुमार ने नेत्र दाता के परिजनों को प्रशस्ति पत्र भेंट कर उनके इस महान मानवीय कार्य को सम्मानित किया।
नेत्र रोग विभागाध्यक्ष एवं नेत्र बैंक प्रभारी प्रो. (डॉ.) अमित राज ने कहा कि यह शुरुआत केवल एक कदम है, आने वाले समय में और भी लोग नेत्रदान के लिए आगे आएंगे।

इस ऐतिहासिक अवसर पर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रमेश कुमार, नेत्र विभाग के वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य डॉ. भवेश चंद्र साहा, डॉ. देव कांत एवं डॉ. अमित कुमार सहित नेत्र बैंक की पूरी टीम उपस्थित रही।

यह पहल राज्य में नेत्रहीनता उन्मूलन की दिशा में एक नई उम्मीद और प्रेरणा बनकर उभरी है।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव