आरा(भोजपुर)।
उदवंतनगर प्रखंड के चौराई गांव में माता काली एवं मां दुर्गा की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य रूप से यज्ञ की तैयारी की जा रही है। सभी कार्यक्रम श्री जीयर स्वामी जी महाराज की मंगलानुशासन में होगा। स्वामी जी महाराज 9 मई को यज्ञस्थल चौराई में आएंगे तथा 12 तक रहेंगे। यज्ञ की पूर्णाहुति भी 12 मई को होगा।आचार्य धर्मेंद्र जी महाराज तथा श्री बैकुंठ नाथ स्वामी जी द्वारा  5 मई से  प्रवचन का कार्यक्रम शुरू हो गया है।यज्ञ समिति के अध्यक्ष जनेश पांडे की अध्यक्षता में काफी संख्या में कार्यकर्ता सेवा भाव में लगे हुए हैं।आचार्य धर्मेंद्र जी ने प्रवचन करते हुए कहा कि ईश्वर का स्मरण करने मात्र से बड़ी से भी बड़ी परेशानियां दूर हो जाती है।किसी भी परिस्थिति में ईश्वर को याद करते रहना है। बाकी जो भी होगा वह ईश्वर की कृपा से ठीक ही होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी जीव की हत्या नहीं करनी चाहिए। इससे बहुत बड़ा दोष लगता है।किसी भी संत महात्मा का अपमान नहीं करना चाहिए।उन्होंने बताया की भागवत कथा सुनने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। अतः हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार भागवत कथा जरूर सुननी चाहिए।हर व्यक्ति को मर्यादा के अंतर्गत अपने जीवन को जीना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में मर्यादा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। क्योंकि मर्यादा ही पुरुष की शोभा है।मनुष्य की शोभा है। बिना मर्यादा का मनुष्य जानवर से भी गया गुजरा है।जिस प्रकार जल विहीन नदी का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता। उसी प्रकार मर्यादा के बिना मनुष्य का भी कोई अस्तित्व नहीं है। जो विषम परिस्थितियों में भी मर्यादा का पालन करते हैं धर्म का पालन करते हैं।माता – पिता का कद्र करते हैं। स्त्री और बुजुर्गों का सम्मान करते हैं उन पर लक्ष्मी नारायण भगवान की कृपा बनी रहती है। सबको आपस में प्रेम और सद्भाव के साथ जीवन जीना चाहिए । भरत के चरित्र को जीवन में उतारना चाहिए। अपने परिवार के लिए अपने भाई के लिए अपने समाज के लिए मन में त्याग की भावना रखनी चाहिए। स्वामी जी महाराज ने कहा कि एक भाई से बेईमानी कर कबूतर को दाना खिलाने से कोई फायदा नहीं हो सकता। इस अवसर पर जयशंकर पांडे,हरि जी तिवारी,गणेश पाण्डेय आदि मौजूद थे।

रिपोर्ट :देवाशीष
ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी