पटना।

राजधानी पटना के राजीव नगर इलाके में पुलिस की एक कार्रवाई पर तब भूचाल आ गया जब एक मोबाइल दुकानदार विनोद कुमार सिंह ने पुलिस मुख्यालय तक अपनी शिकायत पहुंचाई। केस था 13 नवंबर 2022 का, जब चोरी के शक में पुलिस ने एक मोटरसाइकिल और दो मोबाइल फोन जब्त कर तीन लोगों को उठाया। बिना किसी पुख्ता सबूत के पूछताछ के आधार पर दुकानदार की दुकान पर छापा मारा गया और उसके बेटे को उठा ले जाया गया। दुकान से कई मोबाइल जब्त कर लिए गए, लेकिन सिर्फ तीन की जब्ती सूची बनाई गई—बाकी फोन गायब! बाद में लौटाए भी गए, लेकिन बिना किसी दस्तावेज के। जिन तीन फोन पर केस दर्ज किया गया, वे भी जांच में चोरी के नहीं निकले।

मामला जब डीजीपी तक पहुंचा तो जांच बैठी और हकीकत सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। कार्रवाई को अवैध और नियमविरोधी पाया गया। इसके बाद बड़ा कदम उठाते हुए तत्कालीन अंचल निरीक्षक गौतम कुमार, तत्कालीन थाना अध्यक्ष नीरज कुमार, अनुसंधानकर्ता शंभु शंकर सिंह, श्याम नारायण सिंह, अनिल कुमार, ब्रज किशोर प्रसाद, हरिशचंद्र सिंह, प्रभास कुमार पासवान, ओमप्रकाश और चालक बालकिशोर यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो चुकी है।

यह पूरा मामला एक मिसाल बन गया है कि अगर आम आदमी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाए और हिम्मत न हारे, तो व्यवस्था को भी जवाब देना पड़ता है। विनोद कुमार सिंह की जिद और सच्चाई की लड़ाई ने उन चेहरों को बेनकाब कर दिया जो वर्दी की आड़ में मनमानी कर रहे थे।

ब्यूरो रिपोर्ट