
पटना।
बिहार सरकार ने निलंबित डीसीएलआर मैत्री सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के गंभीर आरोपों की जांच शुरू कर दी है। शिकायतों के आधार पर पटना सदर डीसीएलआर पद पर ज्वाइनिंग के महज एक महीने के भीतर ही उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से संपत्तियों पर कब्जा किया।
फ्लैट पर अवैध कब्जे का आरोप
शिकायत के अनुसार, मैत्री सिंह ने संपतचक प्रखंड के एकतापुरम (भोगीपुर) स्थित निर्माणाधीन अपार्टमेंट ‘छत्रपति शिवाजी ग्रीन्स’ के फ्लैट ए-1/603 पर अवैध कब्जा कर लिया। यह फ्लैट कानूनी रूप से नागेश्वर सिंह स्वराज का बताया जा रहा है, लेकिन आरोप है कि मैत्री सिंह ने बिल्डर रुक्मणी बिल्डटेक के अजीत आजाद और मानब सिंह के साथ मिलकर इसे गैरकानूनी तरीके से रजिस्टर्ड करा लिया।

सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला
इसके अलावा, मैत्री सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपने परिजनों, मामा सुधीर सिंह और ममेरे भाई कान्तेश रंजन के लिए भोगीपुर महादलित टोला के पास सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया। आम लोगों की शिकायत के बाद संपतचक अंचल कार्यालय द्वारा की गई जांच में आरोप सही पाए गए, लेकिन अब तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है।
सरकार ने शुरू की जांच
जिलाधिकारी कार्यालय ने इन दोनों मामलों में संज्ञान लेते हुए उच्चस्तरीय जांच प्रारंभ कर दी है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव