बिहटा।

बिहार की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बिहटा पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉ. उदय कुमार सिंह ने चार दिवसीय चैती छठ महापर्व का आयोजन किया। यह महापर्व विशेष रूप से सूर्य देवता और छठी माई की आराधना के लिए मनाया जाता है, जिसमें आत्म-निर्बलता, शुद्धता और समर्पण की भावना निहित होती है।

डॉ. उदय कुमार सिंह ने कहा, “हमारे स्कूल के छात्र भी हमारे बच्चे ही हैं। उनकी बेहतर शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य के लिए हम सदैव समर्पित रहते हैं। छठी माई से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह व्रत रखकर हम अपने छात्रों के जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करना चाहते हैं।”

स्कूल के प्राचार्य के इस सराहनीय कदम से न केवल विद्यालय परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र में एक नई प्रेरणा का संचार हुआ है। स्कूल के छात्र भी इस पहल से अत्यंत उत्साहित हैं और इसे अपनी संस्कृति और परंपरा के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं।

स्कूल की निदेशक सोनी सिंह ने भी इस आयोजन को लेकर अपनी भावनाएं प्रकट करते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि उन्हें जीवन मूल्यों से भी परिचित कराना है। छठ महापर्व हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, जिसे संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है। हम शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के मानसिक और आध्यात्मिक विकास पर भी विशेष ध्यान देते हैं।”

बिहटा पब्लिक स्कूल में इस महापर्व के दौरान विशेष पूजा-अर्चना और अर्घ्य देने की परंपरा निभाई गई। स्कूल प्रशासन ने विद्यार्थियों को छठ महापर्व के महत्व के बारे में जानकारी दी और उन्हें भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व की अनुभूति कराई।

इस आयोजन से न केवल छात्रों को अपने मूल्यों और परंपराओं की जानकारी मिली, बल्कि उन्होंने प्राचार्य और निदेशक के प्रयासों को भी सराहा। विद्यालय परिवार की यह पहल निश्चित रूप से शिक्षा जगत में एक नई मिसाल कायम करेगी।

ब्यूरो रिपोर्ट