
पटना।
बिहार की विद्युत वितरण कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए 17,114 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व संग्रह किया है। यह उपलब्धि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व, राज्य सरकार की लोक-हितकारी नीतियों, उपभोक्ताओं के सहयोग और विभाग की दक्षता का परिणाम है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह राजस्व संग्रह राज्य की बिजली कंपनियों की सुचारू कार्यप्रणाली और उपभोक्ताओं की सहभागिता का प्रमाण है।
13 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ नया कीर्तिमान
वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में इस वर्ष राजस्व संग्रह में 13.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2,005 करोड़ रुपये अधिक है। इस संग्रह में एनबीपीडीसीएल ने 7,937 करोड़ रुपये और एसबीपीडीसीएल ने 9,177 करोड़ रुपये का योगदान दिया। ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं के नियमित बिल भुगतान और विभाग की कुशल सेवा व्यवस्था को इस उपलब्धि के पीछे की प्रमुख वजह बताया।
बेहतर सेवाओं और उपभोक्ता लाभ का असर
ऊर्जा विभाग द्वारा 24X7 बिजली आपूर्ति, उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने और स्मार्ट मीटरिंग जैसी योजनाओं के चलते राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इस वित्तीय अनुशासन के कारण उपभोक्ताओं को भी लाभ मिला। इस वर्ष ग्रामीण उपभोक्ताओं को 54 पैसे प्रति यूनिट, स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को 79 पैसे प्रति यूनिट और शहरी स्मार्ट प्रीपेड उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट कम दर पर बिजली मिल रही है।
सरकारी राजकोष में 1,574 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक योगदान
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राज्य की विद्युत वितरण कंपनियों ने इस वर्ष सरकार के राजकोष में 1,574 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक राजस्व जमा किया है। इनमें 1,513 करोड़ रुपये विद्युत शुल्क और 61 करोड़ रुपये जीएसटी मद में शामिल हैं। यह सफलता पारदर्शी प्रबंधन और कुशल वित्तीय नियोजन का प्रमाण है।
एटी एंड सी लॉस में कमी और आत्मनिर्भरता की ओर कदम
ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि वितरण कंपनियों द्वारा एटी एंड सी लॉस में कमी और आरडीएसएस योजना के तहत लॉस रिडक्शन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से यह उपलब्धि संभव हो पाई। सरकारी अनुदान पर निर्भरता घटने से विद्युत कंपनियां आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
भविष्य की योजनाएं और संकल्प
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि राज्य की ऊर्जा क्षेत्र में हो रही प्रगति को दर्शाती है। पहले जहां विद्युत कंपनियां पूरी तरह से सरकारी अनुदान पर निर्भर थीं, वहीं अब वे आत्मनिर्भर होकर सरकारी राजकोष में योगदान दे रही हैं। सरकार उपभोक्ताओं को किफायती और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस वित्तीय अनुशासन और राजस्व वृद्धि से भविष्य में बिजली संरचनाओं को और मजबूत किया जाएगा।
यह सफलता राज्य सरकार की नीतियों, बिजली विभाग के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और उपभोक्ताओं के सहयोग का नतीजा है। यह उपलब्धि बिहार की ऊर्जा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ने का संकेत देती है।
ब्यूरो रिपोर्ट