
पटना।
हैदराबाद में 26 से 29 मार्च तक आयोजित 4th KIO National Karate Championship में बिहार के प्रतिभाशाली कराटे खिलाड़ी आकाश ने अपने शानदार प्रदर्शन से सिल्वर मेडल जीतकर राज्य का गौरव बढ़ाया। उनकी इस उपलब्धि से बिहार के खेल प्रेमियों में उत्साह की लहर दौड़ गई है।
सिल्वर मेडल तक का सफर:
आकाश ने अपने कराटे कौशल और जबरदस्त खेल भावना से सभी को प्रभावित किया।
पहले मुकाबले में उन्होंने आईटीबीपी के खिलाड़ी को 6-0 से एकतरफा हराया।
दूसरे दौर में मध्य प्रदेश के खिलाड़ी को 9-1 के बड़े अंतर से शिकस्त दी।
तीसरे मुकाबले में सर्विसेज टीम के खिलाड़ी को कड़े मुकाबले में 4-3 से पराजित किया।
सेमीफाइनल में हरियाणा के खिलाड़ी के खिलाफ 4-1 की शानदार जीत दर्ज कर फाइनल में पहुंचे।
हालांकि, फाइनल मुकाबले में उन्हें तेलंगाना के खिलाड़ी से 4-1 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत और खेल कौशल ने उन्हें सिल्वर मेडल का हकदार बना दिया।

आकाश का जोश और संघर्ष:
आकाश की इस उपलब्धि के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण है। अपने कठिन अभ्यास और अटूट आत्मविश्वास के दम पर उन्होंने यह दिखा दिया कि मेहनत और लगन से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
आकाश ने अपनी जीत पर कहा, “यह मेडल सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरे बिहार का है। मैं आगे भी इसी तरह मेहनत करूंगा और गोल्ड मेडल लाने की पूरी कोशिश करूंगा।”
कोच का मार्गदर्शन:
आकाश की सफलता में उनके कोच पंकज कांबली का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने आकाश की प्रतिभा को सही दिशा दी और उनकी कमजोरियों को दूर कर उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में तैयार किया। राज्य कराटे एसोसिएशन ऑफ बिहार के महासचिव ने आकाश की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि वह आने वाले समय में बिहार का नाम और ऊंचा करेंगे।

बिहार के लिए गर्व का क्षण:
आकाश की इस जीत से न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे बिहार में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया कि बिहार के युवा खेलों में भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
आकाश का यह सफर सभी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी ऊंचाई को छुआ जा सकता है। उनकी इस सफलता के लिए उन्हें ढेरों शुभकामनाएं!
खेल प्रतिभाओं को दे रहे प्रशिक्षण:
आकाश पटना के राजीवनगर रोड नंबर 9 में ‘आकाश इंटरनेशनल स्पोर्ट्स जोन’ के नाम से प्रशिक्षण केंद्र चलाते हैं, जहां कराटे, स्विमिंग, क्रिकेट, योगा, जिमनास्टिक जैसी खेल गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जाती है। यहाँ साढ़े तीन से तीस साल तक के बच्चे इन खेलों का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
आकाश की यह उपलब्धि बिहार के खेल इतिहास में एक प्रेरणादायक अध्याय जोड़ती है।
ब्यूरो रिपोर्ट