नमाजियों ने मुल्क व शहर में अमन-शांति की मांगी दुआ
फुलवारी शरीफ/पटना।
रहमतों और नेमतों की बारिश का मुकद्दस माहे रमजान अब अपने आखिरी पड़ाव में पहुंच चुका है। शुक्रवार को रमजान के आखिरी जुमा पर खुदा की बारगाह में सजदा करते हुए, नम आँखों और अकीदत के साथ रोजेदारों ने मस्जिदों में नमाज-ए-अलविदा अदा की। रोजेदारों ने अफसोस जताते हुए नमाज पढ़ी कि अब यह मुबारक महीना हमसे जुदा हो रहा है। अलविदा का जुमा को छोटी ईद भी कहा जाता है।

फुलवारी शरीफ में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अलविदा की नमाज अदा की गई। पटना और फुलवारी शरीफ सहित तमाम मुस्लिम बहुल इलाकों में रमजान के आखिरी शुक्रवार को अलविदा जुमा की नमाज के दौरान लोगों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर वक्फ बिल का विरोध जताया।

नमाज-ए-अलविदा की रौनक और दुआएं
माना जाता है कि अलविदा जुमा की नमाज अदा करने के बाद जो दुआ मांगी जाती है, वह पूरी होती है। आखिरी जुमे की नमाज को लेकर पटना और फुलवारी शरीफ की मस्जिदों में खास तैयारियां की गई थीं। इस मौके पर मस्जिदों में अलग ही रौनक देखने को मिली।

अलविदा नमाज के साथ ईद के करीब आने की खुशी भी रोजेदारों में परवान चढ़ने लगी। नमाज अदा करने के दौरान मस्जिदों में बुजुर्ग, नौजवानों और छोटे बच्चों की भी भारी संख्या देखने को मिली। अधिक नमाजियों की मौजूदगी के कारण कुछ मस्जिदों में छत और सड़कों पर भी नमाज अदा की गई।

नमाज के बाद अकीदतमंदों ने अल्लाह से मुल्क और राज्य की तरक्की, सुख-समृद्धि और अमन-शांति की दुआएं मांगी। दोपहर बाद शहर के कई इलाकों में अलविदा का काफिला निकला, जिसमें “अलविदा माहे रमजान, अलविदा शहरुल रमजान” की सदाएं गूंजती रहीं।

खुतबे में इंसानियत, रहमदिली और मोहब्बत का पैगाम
अलविदा नमाज के बाद खुतबे में कहा गया कि रमजान का आखिरी जुमा अब हमसे जुदा हो रहा है। यह महीना हमें इंसानियत, रहमदिली और मोहब्बत का पैगाम देकर जा रहा है, जिसे हमें अपने दिल से लगाना चाहिए।

अल्लाह की रहमतों के नूर को अपने दिल में इस तरह सजाओ कि वह दूसरों के दिलों को भी रौशन कर सके। सबको अलविदा की मुबारकबाद दें और आखिरी अशरे के चंद दिनों में जितनी हो सके इबादत करें। इस पाक माह के अंतिम जुमे पर नमाजियों ने खुदा से दुआ मांगी कि हमारे शहर और मुल्क को हर परेशानियों और दिक्कतों से बचाए, और हमेशा अमन-शांति और भाईचारा बनाए रखे।

पटना और आसपास के इलाकों में नमाज की भव्यता
राजधानी पटना के मुस्लिम बहुल इलाकों जैसे – सब्जीबाग, पीर दमडिया, फकीरबाड़ा, सुल्तानगंज, राजा बाजार, समनपुरा, शेखपुरा, हमीदपुर कुर्जी, बांस कोठी, संगम कॉलोनी, मैनपुरा, दुजरा, लालकोठी, बिहटा,मनेर, पालीगंज, बिक्रम,दुल्हिन बाजार, मसौढ़ी,दानापुर, सुल्तानपुर, सगुना मोड़, छोटी खगौल, बड़ी खगौल, जमालुद्दीन चक, दीघा, चितकोहरा, पहाड़पुर, अनीसाबाद, फुलवारी शरीफ की प्रसिद्ध खानकाह-ए-मुजिबिया, काजी नगर कॉलोनी, अहमद कॉलोनी, मिन्हाज नगर, शाही संगी मस्जिद, मिल्लत कॉलोनी, बौली, महत्वाना, लाल मियाँ की दरगाह, मिलकियाना, इसापुर, खलीलपुरा, सब्जपुरा, नया टोला, बोली मोहल्ला, कर्बला, गुलिस्तान मोहल्ला, मिल्लत कॉलोनी, नोहसा, परसा बाजार, अब्दुल्लाह चक जानीपुर, अकबरपुर, बेउर, भुसौला दानापुर समेत आसपास के शहरी और ग्रामीण इलाकों में नमाज-ए-अलविदा अदा करने के लिए रोजेदारों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
राजधानी पटना सहित आसपास के शहरी और ग्रामीण इलाकों की मस्जिदों में अलविदा की नमाज के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। माहे रमजान के अलविदा जुमा की नमाज के दौरान पुलिस बल शहर में मुस्तैदी से गश्त करता रहा।

अलविदा, अलविदा, शहरूल माहे रमजान अलविदा…!

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव