फुलवारी शरीफ।

महावीर कैसर संस्थान पटना में आज जेनेटिक काउंसलिंग क्लीनिक का उदघाटन मुम्बई से आयी डा० ज्योति बाजपेयी ने फीता काटकर किया. डा० ज्योति बाजपेयी हर महीने कैंसर मरीजों के जेनेटिक काउंसलिंग के लिए महावीर कैंसर संस्थान आया करेंगी. कैंसर के बढ़ते मरीजों के इलाज में यह क्लीनिक बड़ा ही फायदामंद होगा क्योंकि चिकित्सकों को यह पता चल जाएगा यह कैंसर अनुवांशिक है या नहीं. पता चल जाने के बाद मरीज को कैंसर रोग से मुक्ति दिलाने में डॉक्टरों को आसानी होगी.
साथ में संस्थान के निदेशक (प्रशासन) डा० बी० सन्याल, चिकित्सा निदेशक डा० मनीषा सिंह, सर्जरी विभाग के प्रमुख डा० सी० खण्डेलवाल, रेडियोथेरेपी विभाग की सीनियर कन्सलटेंट डा० रीता रानी, डा० ऋचा चौहान आदि उपस्थित थीं.

डा० ज्योति बाजपेयी ने कहा कि इस संस्थान में जेनेटिक काउंसलिंग क्लीनिक के जुड़ जाने से मरीजों के साथ-साथ इसका फायदा चिकित्सकों को भी मिलेगा.उन्होंने विस्तार से इस पर चर्चा की.हाल ही में किए गए शोध में वंशानुगत कैंसर के जोखिम से संबंधित कई जीन की पहचान की गई है. अनुमान बताते हैं कि सभी कैंसरों में से 5 से 10 प्रतिशत वंशानुगत जीन उत्परिवर्तन के कारण होते हैं.
संस्थान की चिकित्सा निदेशक डा० मनीषा सिंह ने कहा कि जेनेटिक काउंसलिंग क्लीनिक की शुरूआत होने से मरीजों के पारिवारिक चिकित्सा इतिहास को जानने और निर्णय लेने में आसानी होगी कि क्या यह कैंसर वंशानुगत है. उन्होंने कहा कि कैंसर मरीजों के लिए जेनेटिक काउंसलिंग उनके स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के विषय में निर्णय लेने में सक्षम बनाने की एक प्रक्रिया है.यह अनुवांशिक या वंशानुगत विकारों और भविष्य में आनेवाली नयी पीढ़ियों को स्थानांतरित हो सकने वाली समस्याओं को जानने का एक तरीका है.

संस्थान के निदेशक प्रशासन डा० बी० सन्याल ने भी अपने विचार रखे और उन्होंने कहा कि मरीजों के हित में यह एक मील का पत्थर है.

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव