
अगिया जब घरवा में लागे, भझ्या मत घबराना
पटना।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में मंथन कला परिषद खगौल की ओर से अगलगी से बचाव पर आधारित नुक्कड़ नाटक “सुरक्षित शहरी बस्ती -मोहल्ला ” का प्रदर्शन सम्पतचक नगर परिषद के शेखपुरा,मितनचक और भूपतिपुर में किया गया.कलाकारों ने गीत संगीत व नाटक के जरिये लोगों को आग लगी से बचाव के आपात स्थिति में तौर तरीकों के बारे में विस्तार से बताया.साथ ही आपदा विभाग की पदाधिकारी मालती दास व अग्निशमन विभाग के लोग भी उपस्थित थें जिन्होंने गैस सिलेंडर में लगे आग को बुझाने का तरीका भी प्रदर्शित किया.
नाटक की शुरुआत श्यामाकांत साह के गीत आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लाया संदेश है.आपदा न होगी भारी, – होगी पूरी तैयारी. …अंगिया जब घरवा में लागे, भैया मत घबराना. बिजली वाला मेन स्विच बंद कर देना है… के साथ हुई. इस नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया है कि आजकल पछुआ हवा तेजी से चल रही है इसलिए अग्नि सुरक्षा के प्रति लापरवाही के कारण कई लोगों का आशियाना छीन जाता है, उनकी वर्षों की जमा पूंजी भी स्वाहा हो जाता है.गृहस्थी चलाने का सामान, खाने-पीने की चीजों के पैसे तक नहीं बचते हैं. अगलगी से सतर्कता ही बचाव है. इसलिए ऐसा
करें कि दिन का खाना 9:00 बजे सुबह से पहले और रात का खाना शाम 6:00 बजे शाम के बाद ही बनायें तथा चूल्हे की आग को पूरी तरह से बुझा दें. यदि फुस का घर हो तो उसके टाट पर मिट्टी का लेप चढ़ा दें. आग बुझाने के लिए एक बड़े ड्रम में पानी हमेशा भरकर रखें तथा एक-दो जूट के बोरा को पानी से भीगा कर रख लें.शॉर्ट सर्किट के आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय समय पर जांच कराएं.अगर कपड़ों में आग लगे तो जमीन पर लेट कर लुढ़क कर बुझाने का प्रयास करें. ढिबरी, लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगह पर ना रखें जहां से गिरकर आग लगने की संभावना हो. खेती में छोड़े गए डंठलों में आग नहीं लगाएं. तेज हवा के समय भोजन कभी ना बनाएं और पॉलिस्टर के कपड़े पहन कर खाना ना बनाएं.अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए हमेशा जागरूक रहें.गैस चूल्हा का. भी प्रयोग सांवधानी से करें और आग लगने पर तनिक ना घबरायें, क्योंकि कोई भी सिलिंडर 30 मिनट के बाद ही ब्लास्ट करता है. इस बीच हम भींगे हुए कम्बल या बोरा से आग को आसानी से बुझा सकते हैं.
प्रमोद कुमार त्रिपाठी द्वारा निर्देशित नाटक देखने को काफी संख्या में दर्शक मौजूद थे.
नाटक के कलाकार हौबिन्स कुमार,
प्रीतम कुमार, रोहन राज, दीनानाथ गोस्वामी, कुमारी शिखा, काजल कुमारी, धर्मेन्द्र कुमार, कामेश्वर आजाद, आदि थे.
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव