
आरा (भोजपुर)।
महाकुंभ के सेक्टर नंबर 8 में धर्म के बिना मानव जीवन संभव नहीं है धर्म रहेगा तभी हम रहेंगे अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन के दौरान परम पूज्य जियर स्वामी जी महाराज के शिविर में 15000 शंखनाद की ध्वनि एक साथ गूंज उठा। जिसमें भास्याकार रामानुज स्वामी जी की सहस्राब्दी जयंती मनाई गई।

श्री स्वामी जी के सानिध्य में भारत के सभी राज्यों से काफी संख्या में संत महात्मा एवं पीठाधीश्वर जुटे हुए थे। दक्षिण भारत से आए संत संबोधित करते हुए कहा कि जो काम रामानुज स्वामी हजारों वर्ष पहले दक्षिण भारत में किए थे वही कार्य श्री जियर स्वामी जी महाराज उत्तर भारत में कर रहे हैं। स्वामी जी सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए मजबूती से कार्य कर रहे हैं। हम सब का सौभाग्य है कि ऐसे सन्यासी के सानिध्य में हम सब एक मंच पर उनका आशीर्वाद पा रहे हैं। स्वामीजी महाराज ने कहा कि धर्म के बिना मानव जीवन संभव नहीं है धर्म रहेगा तभी हम रहेंगे। धर्म, राष्ट्र और संस्कृति के लिए आत्मा है बिना आत्मा का शरीर मृत हो जाता है, उसी प्रकार बिना धर्म का कोई भी संस्कृति मृत हो जाती है। मनुष्य की जितनी भी परेशानियां है और मानव जीवन का जो भी समस्या है वह धर्म से उसका समाधान संभव है। बिना धर्म का बिना ज्ञान का कहीं भी मानव समस्या का समाधान नहीं है। मीडिया प्रभारी अखिलेश बाबा ने बताया कि भव्य बने प्रवचन पंडाल में हजारों की संख्या में महिला तथा पुरुष जुटे हुए थे।

इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए काफी दूर-दूर से संत महात्मा तथा भक्तगण जुटे हुए थे।जब 15000 शंखनाद की ध्वनि एक साथ गूंज रही थी तो उस समय पूरा क्षेत्र गूंज उठा। स्वामी जी ने कहा कि जीवन में परेशानियां आती रहती है इसे घबराना नहीं चाहिए जब भी जीवन में परेशानी आए तो श्री लक्ष्मी नारायण भगवान का ध्यान करना चाहिए उससे परेशानियों का समाधान हो जाता है। अंतर्राष्ट्रीय धर्म सम्मेलन में अमेरिका और जर्मनी से भी कुछ धर्मगुरु आए थे। भोजपुरी के चर्चित कलाकार भरत शर्मा, विष्णु ओझा, अंकुश राजा सहित 25 भोजपुरी कलाकारों ने महाकुंभ में स्वामी जी के मंच से भजन गायन किया।
ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी