
बिहार के हर जिले में रालोमो कार्यकर्ताओं ने समाजसेवा के साथ मनाया जश्न
पटना।
गुरुवार को राज्यसभा का माहौल उस समय विशेष बन गया जब भारत के उपराष्ट्रपति सह राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने श्री कुशवाहा के जीवन के प्रेरणादायक सफर, उनके शिक्षा सुधारों और सामाजिक सरोकारों के प्रति योगदान को उजागर करते हुए उनकी नेतृत्व क्षमता और जनसेवा की भावना की जमकर सराहना की। उपराष्ट्रपति ने उनके परिवार के लिए भी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।
देशभर के नेताओं ने दी शुभकामनाएं
श्री कुशवाहा के जन्मदिन पर राजनीतिक गलियारों में भी बधाइयों की बाढ़ आ गई। सोशल मीडिया पर नितिन गडकरी, ओम बिरला, जीतन राम मांझी, विनोद तावड़े, चिराग पासवान, नितिन नवीन, गोपाल जी ठाकुर, दिलीप जयसवाल, सम्राट चौधरी, संतोष कुमार सुमन, और रामेश्वर महतो जैसे दिग्गज नेताओं ने शुभकामनाएं दीं और उनके सामाजिक योगदान की प्रशंसा की।
बिहार के कोने-कोने में दिखा जश्न का उत्साह
रालोमो के प्रदेश महासचिव एवं प्रवक्ता बृजेंद्र पप्पू और राम पुकार सिन्हा ने जानकारी दी कि उपेंद्र कुशवाहा का जन्मदिन पूरे बिहार में बड़े ही उत्साह और सादगी के साथ मनाया गया। प्रत्येक जिले और प्रखंडों में रालोमो कार्यकर्ताओं ने इस दिन को खास बनाने के लिए विभिन्न समाजसेवी कार्यक्रम आयोजित किए।
वृक्षारोपण अभियान चलाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।
स्कूलों में बच्चों के बीच मिठाइयाँ और स्टेशनरी का वितरण किया गया।
रक्तदान शिविरों का आयोजन कर जीवन बचाने का संदेश दिया गया।
वहीं कई जगह पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मानित कर उनके योगदान को सराहा गया।
जन्मदिन के बहाने समाजसेवा की पहल
रालोमो नेताओं ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा का जन्मदिन केवल एक व्यक्तिगत उत्सव नहीं है, बल्कि यह समाजसेवा और जनकल्याण के संकल्प को दोहराने का दिन है। इस दिन को सादगी और सकारात्मक कार्यों के माध्यम से मनाने की परंपरा पार्टी में स्थापित हो चुकी है।
यह कार्यक्रम साबित करता है कि उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में रालोमो न सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय है, बल्कि समाज के हर वर्ग के साथ जुड़कर सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके जन्मदिन को इस तरह मनाकर कार्यकर्ताओं ने यह संदेश दिया कि “वास्तविक जश्न वही है, जिसमें समाज का भला हो।”
ब्यूरो रिपोर्ट