पटना।

गुरुवार को समाहरणालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के 10 साल पूरे होने और राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा नारी स्वतंत्रता, समानता और न्याय के लिए बेहद जरूरी है। राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए कई महत्वपूर्ण फैसलों ने बिहार में महिलाओं की स्थिति में अभूतपूर्व बदलाव लाया है।

डीएम डॉ. सिंह ने महिला सशक्तिकरण के लिए जिला प्रशासन की महिलाओं के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और महिला अधिकारों को सशक्त बनाने में आईसीडीएस परिवार और महिला कर्मचारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय पदाधिकारियों को विद्यालयों में बालिकाओं से संवाद करने और जागरूकता फैलाने की प्रेरणा दी। उन्होंने इस दौरान सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के माध्यम से महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य पर हो रहे सकारात्मक प्रभावों को रेखांकित किया।

कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अंतर्विभागीय समन्वय और महिला सशक्तिकरण की दिशा में समर्पण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए चलाए जा रहे अभियान की अहमियत को भी समझाया। साथ ही यह भी कहा कि समाज में लिंग भेदभाव को खत्म करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इस कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया गया और बालिका शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के संदेश को फैलाने के लिए एक रैली भी निकाली गई।

ब्यूरो रिपोर्ट