फुलवारी शरीफ।

भाकपा-माले विधायक गोपाल रविदास ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कुरथौल में 26 जनवरी को उनके साथ हुई जातिसूचक और अपमानजनक घटना की जानकारी दी तथा दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की. इसके अलावा उन्होंने कभी लिखा है कि  फुलवारी शरीफ प्रखंड के  महुली महादलित बस्ती में 26 जनवरी को आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में उन्हें निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके अलावा उनके फुलवारी शरीफ सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र के पुनपुन में उपमुख्यमंत्री के झंडा तोलन समारोह में भी निमंत्रण नहीं दिया गया. विधायक ने बताया कि विधानसभा में सचिव के हाथों उन्होंने पत्र सौंप दिया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि  दलित जाति के होने के चलते हैं उन्हें सरकारी कार्यक्रम एवं बीजेपी जेडीयू के दबाव में कुरथौल में सरकारी विद्यालय का उद्घाटन करने से रोका गया.

विधायक ने पत्र में उल्लेख किया कि उनकी अनुशंसा पर उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुरथौल में लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित विद्यालय भवन का निर्माण कराया गया था.विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा 26 जनवरी 2025 को दोपहर 2 बजे इसका उद्घाटन निर्धारित किया गया था. इस अवसर पर विधायक गोपाल रविदास, जो स्वयं विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी हैं, अपने समर्थकों के साथ उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे.लेकिन, विद्यालय परिसर में दबंग जाति विशेष के चुन्नू सिंह, मिथिलेश सिंह और हंजराज हंस ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर विधायक पर जातिसूचक टिप्पणियों की बौछार की और उन्हें समारोह से रोकने की कोशिश की. उनके खिलाफ “विधायक वापस जाओ” के नारे लगाए गए. जब विधायक और उनके समर्थकों ने शांति से स्थिति को समझाने का प्रयास किया, तो आरोपियों ने धक्का-मुक्की करने की भी कोशिश की.इस घटना की लिखित सूचना विद्यालय के प्रधानाध्यापक को दी गई, और बाद में परसा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। बावजूद इसके, अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.विधायक ने अपने पत्र में विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वे इस घटना का संज्ञान लें और दोषियों पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें.

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव