
बैग फैक्ट्री में पहुंची औधोगिक विभाग की अपर मुख्य सचिव वंदना प्रेयसी
बिहटा/पटना।
पटना से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिहटा के सिकंदरपुर औद्योगिक क्षेत्र में बन रही बैग फैक्ट्री, बिहार के औद्योगिक और रोजगार क्षेत्र में एक नई उम्मीद का संचार कर रही है। इस प्रोजेक्ट का सोमवार को औद्योगिक विभाग की अपर मुख्य सचिव, वंदना प्रेयसी, और निदेशक आलोक रंजन घोष द्वारा निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर फैक्ट्री के निर्देशक, राजीव रंजन ने अधिकारियों का स्वागत किया और निर्माण कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी दी।

राज्य सरकार का उद्देश्य: उद्योग, रोजगार और निवेश को बढ़ावा देना:
निरीक्षण के दौरान वंदना प्रेयसी ने इस बात को रेखांकित किया कि राज्य सरकार उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार का पूरा फोकस उद्योगों को बढ़ावा देने, निवेशकों को सहयोग देने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने पर है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी प्रोजेक्ट समय पर शुरू हो और इनसे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले।”
उनका कहना था कि, “फैक्ट्री के निदेशकों से संवाद का उद्देश्य उनके सामने आने वाली समस्याओं और चुनौतियों को समझना है ताकि हम उन्हें समाधान दे सकें और प्रोजेक्ट्स को जल्दी शुरू करने में मदद कर सकें।”

महिलाओं को मिलेगा प्रमुख रोजगार:
फैक्ट्री के निदेशक, राजीव रंजन ने इस परियोजना की खास बात साझा करते हुए बताया कि इस फैक्ट्री में विभिन्न प्रकार के बैग का निर्माण किया जाएगा, जिससे बिहटा और इसके आसपास के इलाकों के लोगों को रोजगार मिलेगा। विशेष रूप से, फैक्ट्री में 90% से ज्यादा महिलाएं काम करेंगी। यह कदम बिहार सरकार की महिला सशक्तिकरण नीति को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

राजीव रंजन ने आगे बताया, “हम फरवरी से उत्पादन शुरू करने की योजना बना रहे हैं और फैक्ट्री का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किए जाने की संभावना है। हम उन्हें आमंत्रित करने की योजना बना रहे हैं, ताकि इस अहम परियोजना की शुरुआत को लेकर उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके।”

बिहार के औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयां:
यह बैग फैक्ट्री केवल बिहटा और उसके आसपास के क्षेत्रों में रोजगार सृजन का एक साधन नहीं होगी, बल्कि यह बिहार के औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। इस फैक्ट्री के निर्माण से न केवल स्थानीय स्तर पर काम के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम होगा।

बिहार सरकार के इस तरह के प्रयास राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त और सामाजिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे। औद्योगिक और रोजगार क्षेत्र में इन पहलों के माध्यम से बिहार को एक नई पहचान मिल सकती है, और राज्य में निवेशकों का आकर्षण भी बढ़ सकता है।
इस परियोजना की सफलता से न केवल बिहटा, बल्कि पूरे बिहार राज्य को एक नई दिशा मिल सकती है, जो राज्य की समग्र विकास प्रक्रिया में अहम योगदान देगी।
ब्यूरो रिपोर्ट