3900 करोड़ की मांग और समय सीमा तय करने की अपील

पालीगंज।

बिहटा-औरंगाबाद रेलवे लाइन के निर्माण के लिए रेलवे संघर्ष समिति ने 16 जनवरी 2025 को एक सात दिवसीय पदयात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा हाजीपुर तक पहुंचने के दौरान 155 किलोमीटर की लंबी दूरी तय की। इस यात्रा का नेतृत्व मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव ने किया, और यात्रा के दौरान क्षेत्रीय लोग भी सक्रिय रूप से शामिल हुए। पदयात्रा का उद्देश्य दो प्रमुख मांगों को जोर-शोर से उठाना था।


पहली मांग यह थी कि केंद्र सरकार बजट 2025 में बिहटा-औरंगाबाद रेलवे लाइन के निर्माण के लिए 3900 करोड़ रुपये का आवंटन करे, ताकि इस महत्वपूर्ण परियोजना पर काम जल्दी शुरू हो सके। दूसरी मांग यह थी कि रेलवे लाइन के निर्माण के लिए एक निश्चित समय सीमा तय की जाए, ताकि परियोजना में कोई और देरी न हो।

पदयात्रा के दौरान लोगों ने ओबरा, दाउदनगर, अरवल, पालीगंज, दुल्हिन बाजार, बिक्रम, पटना, हाजीपुर जैसे क्षेत्रों में जन जागरण किया और सरकार से अपनी मांगें पूरी करने की अपील की। यात्रा के बाद, मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव और अन्य पदयात्री महाप्रबंधक कार्यालय हाजीपुर पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि स्थानीय सांसद इस मुद्दे को संसद में उठाएं, ताकि केंद्र सरकार इस परियोजना के लिए पूर्ण आवंटन दे सके।

आंदोलन के दौरान सैकड़ों लोग शामिल हुए, जिनमें धनंजय कुमार सिंह, प्रोफेसर शिव कुमार, मंटू यादव, राजनीति यादव, अशोक शर्मा, चंद्रसेन कुमार वर्मा और अन्य स्थानीय नेता थे। उन्होंने हाजीपुर में प्रदर्शन भी किया और सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की।

मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक दोनों मांगें पूरी नहीं होतीं। उन्होंने आगामी 30 जनवरी को नई दिल्ली के रेल भवन पर बड़े प्रदर्शन की घोषणा की, ताकि रेलवे लाइन के निर्माण के लिए सरकार पर दबाव डाला जा सके और इस महत्वपूर्ण जनहित परियोजना को जल्द पूरा किया जा सके।

रिपोर्ट शशांक मिश्रा