प्रयागराज (महाकुंभ स्थल)।

महाकुंभ में प्रयागराज सेक्टर नंबर 8 में श्री जियर स्वामी जी महाराज के शिविर में काफी संख्या में भक्त दर्शन करने हेतु पहुंच रहे हैं।भारत के कोने-कोने से उनके शिष्य दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। उसी क्रम में अनिरुद्धचार्य महाराज जी भी स्वामी जी महाराज के दर्शन करने हेतु पहुंचे। अनिरुद्ध आचार्य जी ने कहा कि आज के जीवन में श्री जियर स्वामी जी महाराज जैसा सन्यासी मिलना कठिन है ।पूरे भारत में उनके शिष्य फैले हुए हैं। श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के शिष्य श्री जियर स्वामी जी महाराज ने  प्रवचन करते हुए कहा कि  बिना गुरु का परमात्मा की प्राप्ति संभव नहीं है।गुरु के द्वारा ही परमात्मा की प्राप्ति संभव है। अतः जीवन में गुरु होना अति आवश्यक है। और सधे हुए गुरु मिल जाए तो फिर क्या कहना है। साक्षात नारायण का दर्शन है। उन्होंने कहा कि पूरे ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा महत्व सत्संग का है। जिस पर भगवत कृपा  होती है उसी को सत्संग करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। किसी के भी जीवन में अगर सच्चे संत का दर्शन हो जाए तो पूरा जीवन सफल माना जाता है। जो सात जन्मों में मिलना संभव नहीं है वह एक सच्चे संत के दर्शन मात्र से संभव हो सकता है इस कलिकाल में संत दर्शन का बहुत ही बड़ा महत्व है। मनुष्य मात्र भगवत प्राप्ति का अधिकारी है। वह प्रत्येक परिस्थिति में भगवान को प्राप्त कर सकता है। परमात्मा की प्राप्ति में देरी नहीं लगती। देरी लगती है। सुख की इच्छा का त्याग करने में। केवल भगवान की इच्छा हो तो भगवान प्रकट हो जाएंगे। अथवा कोई भी इच्छा ना हो तो भगवान प्रकट हो जाएंगे। अधूरापन नहीं होना चाहिए। सच को जानो चाहे मत जानो पर जिसको जानते हो उसका त्याग कर दो। ईश्वर की प्राप्ति हो जाएगी। परमात्मा प्राप्ति में मनुष्य जितना स्वतंत्र है उतना और किसी कार्य में स्वतंत्र नहीं है। परमात्मा प्राप्ति के लिए उपायों की इतनी जरूरत नहीं है जितनी भीतर की लगन की जरूरत है। धन की प्राप्ति में तो क्रिया की मुख्यता है परमात्मा की प्राप्ति मे लालसा की आवश्यकता है।संसार के बारे  में जानने से बैराग्य हो जाएगा और परमात्मा को जानने से प्रेम हो जाएगा।

ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी