बिक्रम।
सिंचाई संसाधनों के आधुनिकीकरण, इंद्रपुरी जलाशय निर्माण और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर बिक्रम के सिंचाई विभाग अवर प्रमंडल कार्यालय में अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले एकदिवसीय धरना आयोजित किया गया।
          धरने की अध्यक्षता मंगल प्रसाद यादव ने की, जिसमें प्रमुख किसान नेता और वक्ताओं ने अपनी मांगों को जोरदार तरीके से रखा। इस दौरान सैकड़ों किसान अपनी समस्याओं के समाधान के लिए एकत्र हुए।


प्रमुख मांगें और मुद्दे

1. सिंचाई और जल प्रबंधन:
इंद्रपुरी जलाशय का निर्माण। सोन नहर का आधुनिकीकरण और अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था। सिंचाई नलकूप और अन्य संसाधनों का जीर्णोद्धार। सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली और स्मार्ट मीटर की वापसी।

2. कृषि और बाजार सुधार:
धान क्रय में प्रति क्विंटल अतिरिक्त धनराशि लेने पर रोक। किसानों को अतिरिक्त बोनस प्रदान करना। बिहार में APMC एक्ट को पुनः लागू कर कृषि मंडियों को चालू करना। कृषि विपणन पर केंद्र सरकार की राष्ट्रीय नीति को वापस लेना।

3. भूमि और किसान अधिकार:
सरकारी और गैर-सरकारी परियोजनाओं के नाम पर कृषि भूमि अधिग्रहण पर रोक। भूमि अधिग्रहण मामलों में 2013 के कानून का सख्ती से पालन। भूमिहीन गरीबों को उजाड़ने पर रोक और उनके अधिकारों की बहाली।

4. बटाईदार किसानों का समर्थन:
बटाईदार किसानों को पहचान पत्र प्रदान करना। बटाईदारों को सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाना। किसानों के सभी प्रकार के कर्ज को माफ करना।


अखिल भारतीय किसान महासभा के पटना जिला सचिव कृपा नारायण सिंह ने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने सोन नहर के जल प्रबंधन और आधुनिकरण को अनिवार्य बताते हुए इंद्रपुरी जलाशय निर्माण की मांग की। मधेश्वर शर्मा ने बटाईदार किसानों को पहचान पत्र देकर सभी सुविधाएं प्रदान करने और कर्ज माफी की मांग की।

धरने में माले प्रखंड सचिव मंटू यादव, शंकर पासवान, अशोक यादव, सुरेंद्र दास, राजेश प्रसाद, ललन शर्मा, अरविंद कुमार, रामबचन वर्मा, सियाशरण प्रसाद और ओमप्रकाश गुप्ता सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे।

इस मौके पर सुगंन दास, रामजीवन राम, लड्डू वर्मा, अरविंद कुमार राम, सुरेंद्र यादव, लखन, रामकुमार, और महेश यादव सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

इस धरने ने किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया। वक्ताओं ने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा।

रिपोर्ट शशांक मिश्रा