पटना।
पटना प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरवड़े के निर्देश पर शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन पटना शहर में अतिक्रमण-उन्मूलन का विशेष अभियान चलाया गया। यह अभियान नगर निकायों, यातायात पुलिस, परिवहन, राजस्व, पथ निर्माण, स्वास्थ्य, पुलिस, विद्युत, अग्निशमन, दूरसंचार और अन्य विभागों के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य पटना शहर में यातायात प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना और शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाना है।
आयुक्त ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों (एसडीओ) और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों (एसडीपीओ) को निर्देश दिया कि अभियान को प्रभावी ढंग से संचालित करें और पुनः अतिक्रमण रोकने के लिए सतत निगरानी रखें। उन्होंने अतिक्रमण में व्यवधान उत्पन्न करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया।

अभियान के दौरान शहर के कंकड़बाग, अजीमाबाद, नूतन राजधानी और पाटलिपुत्र अंचलों में अस्थायी अतिक्रमण हटाए गए। इस दौरान बैनर, पोस्टर, ठेला, झोपड़ी, गुमटी, को हटाया गया जहां कुल ₹44,300/- जुर्माना भी वसूला गया।

आयुक्त ने यातायात पुलिस को अतिक्रमण हटाने के साथ विशेष वाहन चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जहां-जहां अतिक्रमण हटाया गया है, वहां पुनः अतिक्रमण की घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय निगरानी टीम तैनात की जाए।

जिला प्रशासन ने अभियान की निगरानी के लिए एक पाँच-सदस्यीय मॉनिटरिंग सेल का गठन किया है। इसमें निम्नलिखित अधिकारी शामिल हैं:

1. अपर जिला दंडाधिकारी, नगर व्यवस्था।
2. पुलिस अधीक्षक, विधि-व्यवस्था।
3. पुलिस अधीक्षक, यातायात।
4. अपर नगर आयुक्त, पटना नगर निगम।
5. सिटी मजिस्ट्रेट-सह-प्रभारी दंडाधिकारी।

यह टीम अभियान की सतत निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि अतिक्रमण पूरी तरह हटे और दोबारा न हो।

आयुक्त मयंक वरवड़े ने स्पष्ट किया कि यातायात प्रबंधन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन यातायात बाधा और अतिक्रमण के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगा।
आयुक्त ने निर्देश दिया कि अतिक्रमण हटाने का विवरण स्टेशन डायरी में दर्ज किया जाए और अतिक्रमण में व्यवधान उत्पन्न करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज की जाए।
पटना में अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान प्रशासन की गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह अभियान न केवल शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने का प्रयास है, बल्कि नागरिकों के लिए सुव्यवस्थित यातायात और बेहतर शहरी जीवन का आश्वासन भी है। प्रशासन का यह कदम निश्चित रूप से एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

ब्यूरो रिपोर्ट