आरा (भोजपुर)।
बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ जिला शाखा भोजपुर के अध्यक्ष सुशील कुमार राय की अध्यक्षता में कर्मचारियों की एक आम बैठक न्यायालय परिसर में न्यायालय अवधि के पश्चात हुई जिसका संचालन संघ के सचिव बसावन राम ने किया। जिसमें बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश्वर तिवारी के  आह्वान पर बिहार भर के अदालतों के कर्मचारी अपने बेहतर वेतनमान,पदोन्नति,शत प्रतिशत अनुकम्पा पर बहाली और विशेष न्यायिक कैडर के माँग पूरा नहीं होने के विरोध में 16 जनवरी से हड़ताल पर जाने हेतु निर्णय को सफल बनाने के लिए रणनीतियां अंतिम रूप से तैयार कर ली गयी एवं उसका समीक्षा भी कर लिया गया। बैठक में शामिल मिडिया प्रभारी-सह -प्रवक्ता अजय शंकर ने बताया की 16 जनवरी से होने वाले कलमबंद हड़ताल के लिए जो एस. ओ. पी. राज्य संघ के द्वारा तय की गयी है उसके अनुरूप भोजपुर संघ पूरी तरह से तैयार है एवं हम लोगों के द्वारा एस.ओ.पी के अनुसार सभी न्यायालय कार्यालय,पीठासीन पदाधिकारी के कक्ष का चाभी कोर्ट मैनेजर को 15 जनवरी को न्यायालय अवधि के पश्चात सुपुर्द कर चुके हैं। ताकि पीठासीन पदाधिकारी को असुविधा न हो। हम समस्त कर्मचारी इस  बार अनिश्चित काल तक हड़ताल में शामिल रहने को तैयार है। जबतक 4 सूत्री मांगो को बिहार सरकार पूर्ण रूपेण मान नहीं लेती है। सुभाष सिंह ने बताया कि हम न्यायिक कर्मचारियों के प्रति सरकार के इस सौतेला रवैया के प्रति सभी कर्मचारियों मे आक्रोश है और हम लोग करीब 20 दिन पहले ही सरकार को सूचना दे चुके हैं लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। इससे लगता है कि सरकार हठधर्मी है। जिला मंत्री बसावन राम ने कहा कि शोषित जनता प्रताड़ित जनता और मजबूर जनता न्याय के लिए  न्यायालय का दरवाजा खटखटाती है अब हम कहां जाएं और किन का दरवाजा खटखटाए। हम कर्मचारी गण विवश होकर मजबूरी में हड़ताल पर जा रहे हैं जिलाध्यक्ष ने विद्वान अधिवक्ता गणों एवं आम जनता (पक्षकार) से धैर्य पूर्वक सहयोग करने की याचना किया एवम उन्होंने विद्वान अधिवक्ता गणों तथा पक्षकार गणों से हड़ताल के कारण उत्पन्न असुविधाओं के लिए आज फिर से माफ़ी माँगा। बैठक में सूर्यदेव, अनिल, राजीव रंजन, श्वेता, ज्योति, प्रीति, श्रुति रिंकू, संदीप अविनाश, दीपक गौतम, सुमन, दरोगा, दिलीप, संतोष, अभिषेक, सत्य प्रकाश सौरभ एवं समस्त कर्मचारी गण उपस्थित थे।

ब्यूरो रिपोर्ट : अनिल कुमार त्रिपाठी