पटना।

शनिवार को बिहार राज्य रसोईया संघ इक्टू संपतचक प्रखंड कमेटी की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया.पहले भी प्रदर्शन के माध्यम से विभिन्न मांगों को सरकार के अधिकारियो को जानकारी दी गई थी लेकिन अभी तक अमल में नहीं लाई गई जिसके कारण रसोइयों में जबरदस्त आक्रोश है. प्रदर्शन के माध्यम से सरकार के समक्ष फिर से एक बर अपनी मांगों को रखा गया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि सरकार के वादा के अनुसार उनकी मांगों की नहीं पूर्ति की गई इसके खिलाफ मध्य विद्यालय संपतचक से होते हुए उप स्वास्थ्य केंद्र संपतचक के रास्ते प्रखंड कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन की गई. प्रदर्शन के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी को स्मार पत्र सुपुर्द की गई.
बिहार राज्य रसोईया संघ महासचिव व भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य सरोज चौबे, पूनम देवी ,सुनीता देवी, सोनी देवी, रिंकी देवी, सत्यानंद कुमार ,संदीप कुमार यादव प्रमुख रूप से इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया.


सभा को संबोधित करते हुए कामरेड चौबे ने कहा कि बिहार में विद्यालय रसोइयों की स्थिति बहुत ही दयनिय है ,उन्हें मात्र 1650 रुपए मानदेय के रूप में मिलते हैं, वह भी साल में महज 10 महीने का मानदेय का नियमित भुगतान भी नहीं होता. यहां तक की पर्व त्यौहार तक में मानदेय का भुगतान नहीं होता.पिछले 10 साल में केंद्र सरकार ने रसोइयों का एक पैसा भी नहीं बढ़ाया. यही नहीं कोरोना काल का लाभ उठाते हुए मध्यान्ह भोजन योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री पोषण योजना कर दिया गया. इसकी समयावधि भी 5 साल सीमित कर दी जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नियमित चलने वाली योजना थी ताकि बच्चों के कुपोषण को दूर किया जा सके वह उनके ड्रॉप आउट को रोका जा सके. अब इस योजना का तेजी से निजीकरण किया जा रहा है.

रसोइयों का मानदेय बिहार में मात्र 1650 रुपया है और 2020 के बाद मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई जबकि तमिलनाडु में 10000 83 रुपया लक्षद्वीप में 9500 पांडिचेरी में 9000 केरल में 12000 हरियाणा में 7000 मध्य प्रदेश में 4000 महाराष्ट्र उड़ीसा आंध्र प्रदेश व पंजाब प्रत्येक में 3000 हिमाचल प्रदेश में 2800 उत्तर प्रदेश में हुआ झारखंड में ₹2000 मिलता है हरियाणा में मध्य प्रदेश में तो लोकसभा चुनाव से पहले बढ़ाया गया था! अतः हमारी मांग निम्नलिखित है :– 1,विद्यालय रसोइयों को न्यूनतम मजदूरी की गारंटी की जाए और हर साल इसमें महंगाई भत्ता की वृद्धि प्रतिशत में की जाए 1650 रुपया मंडे को बढ़ाकर तत्काल ₹10000 किया जाए, 2,केंद्रीयकृत किचेन को खारिज कर एनजीओ को मध्यान्ह भोजन योजना से बाहर किया जाए ! 3, साल में 10 महीना की बजाय 12 महीना के मानदेय का भुगतान किया जाए! 4, शिक्षा विभाग की अनिवार्य अंग बन चुकी विद्यालय रसोइयों को शिक्षा विभाग में चतुर्थ वर्ग की कर्मचारी का दर्जा दिया जाए! 5, रसोइयों को ड्रेस में साल में दो जोड़ी सूती साड़ी ब्लाउज व पेटिकोट के साथ दिया जाए! 6, रसोइयों को सामाजिक सुरक्षा स्कीम के तहत ₹3000 पेंशन दिया जाए जब तक पेंशन नहीं मिलती है रिटायरमेंट बेनिफिट दिया जाए ! 7, रसोइयों को दुर्घटना बीमा आवास स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाए ! 8,रसोइयों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए बात-बात पर निकाल देने की धमकी ना दी जाए! 9, रसोइयों को मातृत्व अवकाश व अन्य विशेष अवकाश का लाभ दिया जाए , 10, रसोइयों से अतिरिक्त काम न करवाए जाएं जैसे झाड़ू लगवाने शौचालय में पानी डलवाना आदि इन कामों पर अभिलंब रोक लगाई जाए! 11 , विद्यार्थियों के अनुपात में रिक्त पदों पर रसोइयों की शीघ्र बहाली की जाए इसमें रिटायर्ड मृत रसोइयों के परिवार को प्राथमिकता दी जाए!

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव