
फुलवारी शरीफ।
राना फाउंडेशन के तहत चलाया जा रहा शमीमा वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर में सिलाई, कटाई और वस्त्र निर्माण की महत्ता और उपयोगिता पर एक उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर, अहल-ए-खैर के सहयोग से, गरीब लड़कियों में कंबल भी वितरित किए गए.
कार्यक्रम के दौरान, राना फाउंडेशन के चेयरमैन मौलाना इफ्तिखार अहमद निजामी ने कहा: “राना फाउंडेशन का उद्देश्य न केवल गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के अवसर भी प्रदान करना है. शमीमा वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर इस उद्देश्य की प्राप्ति का एक बेहतरीन तरीका है. यहाँ लड़कियों को सिलाई, कटाई और अन्य कौशल सिखाए जा रहे हैं ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें और अपने परिवार की मदद कर सकें. ऐसे कार्यक्रमों के जरिए महिलाओं को न केवल हुनरमंद बनाया जा रहा है, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होने का भी एहसास कराया जा रहा है.

सेंटर की सचिव, शगुफ्ता नाज़ ने कहा “शमीमा वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है.
यहाँ न केवल लड़कियों को कौशल सिखाया जाता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व के विकास और आत्मविश्वास को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाता है. यह सेंटर उनके लिए आशा की एक किरण है, जहाँ वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं.” उन्होंने आगे कहा, जरूरतमंद लड़कियों को गर्म कपड़े वितरित करने का उद्देश्य है की वे अकेली नहीं हैं, हम सभी उनके साथ हैं.
सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं ने अपनी खुशी और संतोष व्यक्त करते हुए कहा: “यहाँ हमें न केवल सिलाई और कटाई का हुनर सीखने का मौका मिला, बल्कि अपनी क्षमताओं पर विश्वास भी मिला. इस प्रशिक्षण ने हमें अपने और अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए काम करने की दिशा दिखाई है. कंबल वितरण ने हमारे दिलों को छुआ और हमें यह एहसास हुआ कि हमारी जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है. शमीमा वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर हमारे लिए एक नई उम्मीद है, और हम दिल से इसके आभारी हैं.
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य मेहमानों ने सेंटर की कोशिशों की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के और केंद्रों का विस्तार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक महिलाओं और लड़कियों को लाभ मिल सके. यह कार्यक्रम न केवल जरूरतमंदों की मदद का एक माध्यम बना, बल्कि उनके आत्मनिर्भरता के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास भी साबित हुआ.
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव
