आरा (भोजपुर)।

I SO मान्यता प्राप्त आरा सदर अस्पताल के कारनामे कभी कभी सुर्खियों में आ जाती है। ऐसा ही एक वाक्या रविवार की देर रात भी देखने को मिला जिससे एक बार फिर एम्बुलेंस के दुरुपयोग से संबंधित   मामला से संबंधित खबर सुर्खी में आ गया। मामला यह है कि रविवार की देर रात मरीज के बजाय  बोरे में पैक सामान लदा एक एंबुलेंस सदर अस्पताल में पहुंची । इस एम्बुलेंस के पहुंचते ही एक कर्मचारी मरीजों को ले जाने वाले स्ट्रेचर (जो मरीजों को कभी कभी ही नसीब भी होता है और कंधों या ठेला पर रखकर ले जाना पड़ता है)पर सामान लोडकर  इमरजेंसी वार्ड में ले गया। इस संबंध में  एम्बुलेंस के ड्राइवर से पूछने पर  स्वीकार किया कि वह सदर अस्पताल के अधिकारियों के कहने पर वह इमरजेंसी विभाग का सामान पटना से  लेकर आया है। उसने बताया कि  बोर्ड  से भरा बोरा है जिसे इमरजेंसी विभाग में पहुंचाना था।  इस प्रकार की वाकया कोई  पहली बार थोड़े ही  देखने को  मिला है।इस प्रकार मामले तो पूर्व में भी  एम्बुलेंस का इस्तेमाल  सामान ढोने के लिए किया गया हो। पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं।सरकारी एम्बुलेंस के द्वारा सदर अस्पताल से लेकर स्वास्थ्य केंद्रों तक, एम्बुलेंस से सामान ढोने का काम आम बात है। इससे न सिर्फ सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है बल्कि आपातकाल में मरीजों के साथ अन्याय  एवं जानलेवा ही साबित हो सकता है। इस वाकये की जानकारी जब जिलाधिकारी को मिली तो उन्होंने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन  करने का आदेश दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी दोषी होगा उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी