कथा सुनने पहुंचे उप-मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा

पटना।

श्रीसाई बाबा सेवा समिति की ओर से अनिसाबाद पुलिस कालोनी स्थित मंदिर में लक्षाहुति अंबा महायज्ञ के ज्ञान मंच से संत शिरोमणि करपात्री अग्निहोत्री परमहंस स्वामी चिदात्मन महाराज ने कहा कि इन दो आँखों से दिखाई देने वाला तो सभी नश्वर ही हैं.

हमें अविनाशी को देखने के लिए तीसरी आंख की ज़रूरत होती है, जिसे ज्ञान की देवी की कृपा बिना नहीं देख सकते. अर्थात उस सत्य को जानने के बाद तीसरी आँख स्वतः खुल जाती है.जो मानव को मानवत्व का बोध कराने वाली है, वास्तव में ” या विद्या सा विमुक्तये” सत्य यही है लेकिन वर्तमान परिवेश में मानव विद्या का अर्थ धनोपार्जन, सुखोपभोग ही समझ बैठा है, जो असत्य है. उन्होंने कहा कि  मां  सर्वरूपमयी हैं. वेदत्रयी ने जिसे कहा नेति – नेति भला उनका गुणानुवाद कौन कर सकता है, वह तो गुणातीत, कालातीत है.उसे अविकारी ही जान सकता है.जब तक हम  ऊपर नहीं उठेंगे तब तक उसे कोई समझ नहीं सकता.भारत अनादि काल से सत्यानुवेषी रहा है.


आत्मदर्शी स्वेच्छा से प्रारूप लेते हैं एवं अपनी इच्छा से संवरित हो जाते हैं. उन्होंने यज्ञ स्थल पर स्थापित तीन ध्वज – इंद्रध्वज, हनुमत ध्वज एवं राष्ट्र ध्वज का भी अलग-अलग विशद  वर्णन किया जहां इंद्र देवता के पोषक देव हैं, वहीं राष्ट्र ध्वज भारत की शान, प्राण, पहचान एवं गौरव हैं.

अपने उद्बोधन के क्रम में सप्तर्षि के महत्व को भी बतलाया कि  हम सभी उन्हीं ऋषि के संतान हैं. हमारी संस्कृति एवं संस्कार के वास्तविक संरक्षक वही ऋषि हैं. उन्होंने कहा कि अपने कर्म पर सदैव ध्यान रखें, क्योंकि – “अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम्” ,अर्थात अपने अच्छे बुरे किये हुए कर्म का फल सबों को निश्चित रूप से भुगतना पड़ता है.


बुधवार को इस धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने देर शाम बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी पहुंचे और यहां महाराज के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लिया. उप मुख्यमंत्री श्री सिंहा काफी देर तक महाराज के बगल में बैठकर कथा श्रवण भी किये.

इस महायज्ञ के संचालन एवम् व्यवस्था में साईं मंदिर सेवा समिति, पुलिस कॉलोनी के सदस्य चंदन  ,मुन्ना , प्रवीण , राजेश कुमार  का महत्वपूर्ण योगदान है.

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव