
आरा/बेलाउर/सहार/कोइलवर/बड़हरा (भोजपुर)।
आस्था के महापर्व छठ व्रत के चौथे दिन जिले के विभिन्न नदी,सूर्य मंदिरों के समीप बने तालाबों गांवों के पोखर ,तालाबों, नहरों तथा घरों के छतों पर स्नान कर फलों एवं पकवानों से पृथ्वी के साक्षात् देवता अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने उपरांत शुक्रवार को उदयीमान सूर्य को सभी उम्र के महिला एवं पुरुष छठ ब्रतियों ने अर्घ्य दिए। अर्घ्य दान कराने में घर परिवार के सदस्यों का सहयोग किए जाने में पूरी पवित्रता का ख्याल रखा गया था। आरा मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट तालाब, धरहरा से लेकर पियानिया पुल तक नहर के किनारे बने घाटों पर दर्जनों मोहल्लों एवं गांवों के व्रतियों ने द्वारा अर्घ्य दिया गया। वहीं गांगी, बड़हरा प्रखंड, शाहपुर प्रखंड के गंगा किनारे बने सैकड़ों घाटों एवं कोइलवर प्रखंड स्थित सोन नद के घाटों पर अर्घ्य दिया गया। दोपहर से ही फलों एवं मौसमी सभी फलों एवं शुद्धता के साथ बना ठेकुआ से भरा कलसूप सजाकर दऊरा पुरुष एवं बच्चे सिर पर रख एवं महिलाएं छठ गीत गाते जाना शुरू कर दिए थे जो सूर्योदय होने के उपरांत जारी रहा।

भोजपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध बेलाउर के सूर्यं मंदिर में विशाल तालाब में महिला पुरुष व्रतियों ने स्नान कर सूर्योपासना कर अर्घ्य दिए। सूर्य मंदिर ट्रस्ट कमिटी के सचिव संटू चौधरी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की इस वर्ष भी लाखों की संख्या में छठव्रती अर्घ्य देने पहुंचे हैं। चार दिवसीय महापर्व छठ शान्ति व सौहार्द के साथ सम्पन्न हो गया।इस दौरान कमिटी के सक्रिय सदस्य मिंटू चौधरी,अनिल दुबे,शशि चौधरी, अनिल चौधरी विनय बेलाऊर आदि व्रतियों के ली सुविधा व्यवस्था में लगे थे। इस दौरान रूबन हॉस्पिटल के निदेशक सत्यजीत सिंह, विधान पार्षद राधा चरण शाह, पूर्व विधायक बिजेंद्र यादव, उदय शंकर सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

वहीं बड़हरा (भोजपुर) चार दिवसीय महापर्व छठ शान्ति तथा आपसी सौहार्द के बीच शुक्रवार को उद्दीयमान सूर्य को अर्घ्य समर्पित करने साथ ही सम्पन्न हो गया।हालांकि राम सागर
सिरिसिंया,एकवना आदि कुछ गांवों के सूर्य मंदिर प्रांगण में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम अभी भी संचालित है। जिसके आयोजन को लेकर स्थानीय पूजा समितियां तत्परता से जुटी हुई है कि कोई गड़बड़ी नहीं हो सके। रामसागर सूर्य भगवान के मंदिर प्रांगण में आयोजित छठ पूजा का कार्यक्रम कई दिनों का होता है। जिसे संचालित करवाने के लिए गांव के बड़ी संख्या में मुसलमान संप्रदाय के लोग भी पूजा समिति में रहते हैं। पूजा को लेकर प्रखंड के सभी गांवों में चार दिनों तक खूब रौनक,साफ-सफाई,लाइटिंग व्यवस्था तथा आकर्षक धार्मिक वातावरण बना रहा। विभिन्न गांवों के गंगा किनारे छठ घाटों का दृश्य देखने लायक बनाया गया था। महुली गंगा छठ घाट पर भव्य भीड़ के बीच दूर-दूर से आये छठ व्रतियों ने अर्घ्य अर्पित किया। वहां का नजारा अद्भुत था। भीड़ को नियंत्रित करने व सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन भी जुटी हुई थी। वहीं विन्दगांवा संगम, बबुरा, सिरिसिंया, एकवना, बड़हरा, पड़रिया, सेमरिया, केशोपुर, नेकनाम टोला,
नथमलपुर, सिन्हा, केवटिया, बलुंआ, पिपरपांती आदि गंगा घाटों पर भी छठ व्रतियों ने भारी संख्या में भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया।

जगदीशपुर (भोजपुर) भोजपुरी गीतों की स्वर लहरियों के बीच शुक्रवार सुबह छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हुए 36 घंटे का निर्जला व्रत संपन्न किया। भोजपुर जिले के सभी प्रखंड क्षेत्र एवं अनुमंडल अनुमंडल के जगदीशपुर, बहरी महादेव स्थान, बिहिया व शाहपुर, पीरो, चरपोखरी समेत नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में गुरूवार को महिलाओं ने 16 श्रृंगार करते हुए आटा, गुड़, पंचमेवे और घी से तैयार ठेकुआ, फल, और मिठाई थी। टोकरी और सूप में लेकर पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया और छठी मैया से संपन्नता और खुशहाली की कामना की। साथ ही लोक आस्था व सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा हर्षोल्लास एवं श्रद्धा भक्ति भाव वाले वातावरण में समापन हो गया। छठ पूजा को लेकर नगर के ऐतिहासिक शिवजी सह छठिया पोखरा, बिहिया सूर्य मंदिर व प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न छठ घाटों पर मेला सा नजारा उत्पन्न हो गया था। जगदीशपुर के दावा, तेन्दुनी, हरिगांव, दलिपपुर, बरनाव, बभनियांव, पिलापुर,पूर्वी और पश्चिमी आयर, दुलौर सहित अन्य ग्रामीण इलाकों के पोखरा सहित विभिन्न छठ घाटों को बेहतरीन ढंग से सजाया गया था। नगर ऐतिहासिक शिवजी छठिया पोखरा, सड़कों और गलियों की बेहतर तरीके से साफ-सफाई कर रंग बिरंगी लाइट से सजाया गया था जिसका अद्भुत और मनोरम दृश्य देखते ही बन रहा था।
रिपोर्ट: देवाशीष/अनिल सिंह/केमिकल अली/संतोष सिंह
ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी